दुर्लभ प्रजाति के काले सिर के नारंगी सांप को देख गांव में मची खलबली
- Admin Admin
- May 08, 2025

दुर्लभ प्रजाति के काले सिर के नारंगी सांप को देख गांव में मची खलबली
महिला ने सोचा सिलेंडर लीक हुआ लेकिन सांप ने निकाली थी आवाज
औरैया, 08 अप्रैल (हि. स.) । सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के अंतर्गत जनपद इटावा के पहाड़पुरा गांव में नारंगी रंग के सांप को देखकर हड़कंप कट गया।
घर में घुस आए विचित्र रंग के सांप की मौजूदगी से बिल्कुल अंजान गृहणी माधुरी अपने गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी तभी अचानक से उनकी नजर चूल्हे के नीचे बैठे 5 फीट लम्बे अजीब से काले सिर, नारंगी रंग और छोटे काले धब्बे वाले सर्प पर पड़ी जो मुंह से अजीब सी डरावनी आवाज निकाल रहा था। घर में विचित्र सांप देखकर उनके होश ही उड़ गए और वे तुरंत वहां से चीखकर भागी जिसके बाद वह सांप रेंगकर पास ही रखी भूसे की बोरियों के नीचे घुस गया । काले सर और नारंगी रंग के उस विचित्र सांप को देखकर सभी गांव वालों के होश उड़ गए। तब माधुरी के पति धर्मेंद्र सिंह ने उस सांप के रेस्क्यू के लिए वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी के हेल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क किया जिसके बाद डॉ. आशीष ने मौके पर जाकर उस खूबसूरत सांप को बेहद ही सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी विभाग इटावा के दिशा निर्देशन में वन दरोगा रविन्द्र कुमार मिश्रा,जय पाल सिंह राणा पशु रक्षक भजन लाल,ब्रजेश की उपस्थिति में छोड़ दिया गया।
सांप देख सुबह से ही दहशत में थी घर की सभी महिलाएं और बच्चे
लाल काला मुंह और नारंगी रंग के खूबसूरत से सांप के घर में घुसे होने की खबर पूरे इलाके में बिजली की तरह फैली फिर उस विचित्र दुर्लभ सांप को देखने के लिए पूरे गांव में भीड़ उमड़ आई । रेस्क्यू के बाद सभी ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और सर्पमित्र डॉ. आशीष का मदद के लिए विशेष आभार व्यक्त किया।
डॉ. आशीष ने सभी को दी दुर्लभ शाही सांप के बारे में जानकारी
नगर पालिका परिषद इटावा के पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एंबेसडर सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी ने सभी लोगों को मौके पर उस दुर्लभ प्रजाति के (विषहीन) ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक (शाही सांप) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि,यह एक 5 फीट लम्बा विषहीन ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक है जो कि ज्यादातर राजस्थान के पथरीले रेतीले इलाके में ही पाया जाता है इसका जन्तु वैज्ञानिक नाम स्पैलेरोसोफिस एट्रिसेप्स
है। जनपद में यह पिछले सात वर्षों में तीसरी बार अलग-अलग स्थानों से रेस्क्यू किया गया है जो कहीं से आ गया है लेकिन इसमें कोई जहर नही होता है अतः इससे बिल्कुल भी न डरें । उन्होंने बताया कि, ब्लैक-हेडेड रॉयल स्नेक भारतीय उपमहाद्वीप के कोलुब्रिड परिवार के सदस्यों में से एक है। यह हल्के नारंगी, गुलाबी या पीले रंग का होता है जिसमें बिखरे हुए काले धब्बे होते हैं ज्यादातर रेत चट्टान और झाड़ियों में रहने वाला यह रात्रिचर दुर्लभ सांप पश्चिमी भारत का एक प्रतिष्ठित शाही साँप भी है। इसकी मादा एक बार में लगभग 3 से 8 अंडे देती है।
सर्पदंश में क्या करें क्या न करें ?
डॉ. आशीष ने बताया कि किसी भी जहरीले सर्प (कोबरा या करैत) के काटने के बाद किसी को भी घबराना नहीं है । बस हल्का सा बंध लगाकर जल्द ही जिला अस्पताल (मोतीझील) के इमरजेंसी वार्ड कमरा नम्बर 3 में जाकर सुरक्षित इलाज करवाना चाहिए और कभी भी झाड़ फूंक या अंध विश्वास में आकर रोगी का कीमती समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
भविष्य में इटावा को बनाएंगे उत्तर प्रदेश का पूर्ण सर्पदंश मुक्त जनपद
जनपद में पिछले 7 वर्षों से सामाजिक संस्था ओशन के माध्यम से विशेष सर्पदंश जागरूकता अभियान चला रहे वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी का एक बड़ा सपना है कि आने वाले भविष्य मैं जनपद इटावा उत्तर प्रदेश में पूर्ण रूप से सर्पदंश मुक्त जनपद के नाम से पहचाना जाए इसी क्रम में डॉ.आशीष जनपद इटावा की जनता की बहुमूल्य जान बचाने के साथ-साथ अब तक हजारों वन्यजीवों को भी उनके प्राकृतवास में सुरक्षित पहुंचाकर उन्हें जीवन दान दे चुके हैं।
डॉ. आशीष के जागरूकता के अथक प्रयासों से जनपद इटावा की जनता सर्पदंश से बिल्कुल भयमुक्त हो चुकी है । साथ ही संस्था ओशन द्वारा चलाए जा रहे विशेष सर्पदंश जागरूकता अभियान से प्रेरित और जागरूक होकर लोगों ने अब किसी वन्यजीव को मारना ही छोड़ दिया है।
स्नेकबाइट हेल्पडेस्क से सर्पदंश से मौत के मामलों में आई बड़ी गिरावट
जनपद में सर्पदंश जागरूकता अभियान से अब एक बहुत ही बड़ा बदलाव भी आया है कि,अब लोग सांप काटने के बाद झाड़-फूंक न कराकर सीधे जिला अस्पताल आकर इलाज कराने लगे हैं जो कि एक बहुत ही बड़ा सामाजिक बदलाव है। इसके साथ ही डॉ. आशीष अपने निजी स्नेकबाइट हेल्पलाइन नम्बर 7017204213 पर सर्पदंश की सटीक पहचान कर रोगी को जल्द से जल्द जानकारी देकर तत्काल अस्पताल पहुंचने में लगातार मदद कर रहे हैं जिससे राज्य सरकार द्वारा घोषित राज्य आपदा को जनपद में कम करने में महत्वपूर्ण मदद भी मिल ही रही है । साथ ही लोगों का अमूल्य जीवन और राज्य सरकार का 4 लाख रुपए का बड़ा राजस्व भी बच रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार