गेर्ट वाइल्डर्स के गठबंधन से हटने के बाद नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ का इस्तीफा

- नए चुनाव तक कार्यवाहक प्रशासन का नेतृत्व करेंगे स्कोफ

हेग, 03 जून (हि.स.)। नीदरलैंड्स में सियासी संकट गहराता जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसकी वजह गेर्ट वाइल्डर्स का गठबंधन सरकार से हटने की अप्रत्याशित घोषणा है। यह निर्णय आव्रजन और शरण नीति को लेकर लंबे समय से चली आ रही तनातनी के बाद लिया गया है। फिलहाल अगले चुनाव तक ये गठबंधन सरकार कार्यवाहक प्रशासन की जिम्मेदारी संभालेगी।

प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, “नीदरलैंड्स के लोगों की सेवा करना मेरे जीवन का गौरव रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में सरकार का प्रभावी संचालन संभव नहीं है।”

दरअसल, डच सरकार चार दलों के गठबंधन गेर्ट वाइल्डर्स की फ्रीडम पार्टी (पीवीवी), पॉपुलिस्ट फार्मर-सिटिज़न्स मूवमेंट (बीबीबी), सेंट्रिस्ट न्यू सोशल कॉन्ट्रैक्ट (एनएससी) और लिबरल वीवीडी पार्टी (वीवीडी) पर चल रही थी। इन चारों दलों ने मिलकर एक अस्थिर, परंतु प्रभावी सरकार बनाई थी लेकिन अब वाइल्डर्स के गठबंधन तोड़ने के फैसले के साथ यह सरकार विभाजित और अपदस्थ हो गई है।

इस्लाम विरोधी और आव्रजन-विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले पीवीवी प्रमुख गेर्ट वाइल्डर्स ने गठबंधन में मतभेदों के चलते समर्थन वापस ले लिया। वाइल्डर्स चाहते थे कि शरणार्थियों और प्रवासियों को लेकर नीतियों में और सख्ती लाई जाए, जिसे अन्य गठबंधन दलों ने स्वीकार नहीं किया।

अब डिक स्कोफ के इस्तीफे के बाद नीदरलैंड में आम चुनाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। हालांकि, अभी तारीख तय नहीं है। स्कोफ की गठबंधन सरकार नए चुनावों तक कार्यवाहक प्रशासन की जिम्मेदारी संभालेगी। इस महीने के अंत में हेग में नाटो शिखर सम्मेलन भी आयोजित होना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

   

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