
नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जनवरी में शुद्ध रूप से (नेट) 17.89 लाख सदस्य जोड़े हैं, जिसमें 2.17 लाख महिलाएं हैं। इससे पहले दिसंबर, 2024 के दौरान ईपीएफओ ने 16.05 लाख सदस्यों को जोड़ा था। यह सालाना आधार पर 11.67 फीसदी, जबकि दिसंबर, 2024 की तुलना में 11.48 फीसदी की वृद्धि है।
श्रम मंत्रालय के मुताबिक़ जनवरी महीने में करीब 8.23 लाख नए सदस्य नामांकित हुए हैं, जो जनवरी 2024 में नामांकित नए ग्राहकों की संख्या की तुलना में 1.87 फीसदी की सालाना वृद्धि है। इस दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में 18 से 25 आयु वर्ग के 4.70 लाख सदस्यों के साथ इस श्रेणी की हिस्सेदारी 57.07 फीसदी रही। इससे पता चलता है कि देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश सदस्य युवा हैं।
मंत्रालय के मुताबिक जनवरी में ईपीएफओ की योजनाओं से बाहर चले गए लगभग 15.03 लाख सदस्य फिर वापस आ गए। यह आंकड़ा जनवरी, 2024 की तुलना में 23.55 फीसदी की महत्वपूर्ण सालाना वृद्धि को दर्शाता है। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में से करीब 2.17 लाख महिलाएं हैं। यह आंकड़ा जनवरी 2024 की तुलना में 6.01 फीसदी की महत्वपूर्ण सालाना वृद्धि है।
राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने लगभग 10.73 लाख सदस्यों को जोड़ा है। यह जनवरी में जोड़े गए कुल सदस्यों का लगभग 59.98 फीसदी है। इन राज्यों में महाराष्ट्र 22.77 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना का जनवरी महीने के दौरान व्यक्तिगत रूप से कुल पेरोल का 5 फीसदी से अधिक का योगदान है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर