ईपीएफओ ने दो प्रमुख सुधारों के साथ दावा निपटान प्रक्रिया को सरल बनाया
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- Apr 03, 2025

ईपीएफओ ने कहा-रद्द चेक और नियोक्ता से बैंक खाते के सत्यापन की जरूरत नहीं
नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। सेवानिवृत्ति कोष निकाय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपनी प्रक्रियाओं की दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से दावा निपटान प्रक्रिया में दो अहम बदलाव किए हैं। ईपीएफओ के इस कदम से करीब 8 करोड़ अंशधारकों के लिए दावा निपटान प्रक्रिया में तेजी आने और नियोक्ताओं के लिए कारोबारी सुगमता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
ईपीएफओ के अनुसार अब भविष्य निधि से ऑनलाइन निकासी के इच्छुक आवेदकों को रद्द किए गए चेक की तस्वीर ‘अपलोड’ करने की आवश्यकता नहीं है और उनके बैंक खातों को नियोक्ताओं द्वारा सत्यापित करने की भी जरूरत नहीं है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक चेक लीफ या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की जरूरत को हटाने से ईपीएफओ के 7.7 करोड़ से अधिक सदस्यों को लाभ मिलेगा। यूएएन के साथ बैंक खाता विवरण जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को हटाने से लंबित अनुमोदन वाले करीब 15 लाख सदस्यों को तत्काल लाभ मिलेगा। ईपीएफओ के इन उपायों से दावा निपटान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार आएगा और दावा खारिज होने से संबंधित शिकायतों में भी कमी आएगी।
चेक लीफ/सत्यापित बैंक पासबुक की छवि अपलोड करने की आवश्यकता हटाना
ईपीएफओ ने ऑनलाइन दावे दाखिल करते समय चेक लीफ या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की जरूरत को समाप्त कर दिया है। 28 मई, 2024 को इसके लॉन्च होने के बाद से इस कदम से 1.7 करोड़ ईपीएफ सदस्यों को लाभ मिल चुका है। सफल पायलट आधार के बाद ईपीएफओ ने अब यह छूट सभी सदस्यों के लिए बढ़ा दी है। इस आवश्यकता को हटाने से ईपीएफओ को करीब 6 करोड़ सदस्यों को तत्काल लाभ मिलेगा, जिससे खराब गुणवत्ता/अपठनीय अपलोड के कारण दावों की अस्वीकृति समाप्त हो जाएगी तथा संबंधित शिकायतें कम होंगी।
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ बैंक खाता विवरण जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता हटाना
यूएएन के साथ बैंक खातों को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ईपीएफओ ने अब बैंक सत्यापन के बाद नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को हटा दिया है। वर्तमान में प्रत्येक सदस्य को अपने बैंक खाते को यूएएन से जोड़ना जरूरी है, ताकि उनके पीएफ निकासी को ऐसे खाते में सहजता से जमा किया जा सके। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 1.3 करोड़ सदस्यों ने अपने बैंक खातों को जोड़ने के लिए अपने अनुरोध प्रस्तुत किए हैं और संबंधित बैंक/एनपीसीआई के साथ उचित मिलान के बाद अनुरोधों को नियोक्ता द्वारा डीएससी/ई-साइन के माध्यम से अनुमोदित किया जाना है।
मंत्रालय के मुताबिक सदस्यों द्वारा प्रतिदिन बैंक खाते को जोड़ने के लिए लगभग 36,000 अनुरोध किए जा रहे हैं। बैंकों को सत्यापन पूरा करने में औसतन 3 दिन लगते हैं। हालांकि बैंक सत्यापन के बाद नियोक्ता द्वारा प्रक्रिया को मंजूरी देने में लगने वाला औसत समय लगभग 13 दिन है, जिसके परिणामस्वरूप नियोक्ता के स्तर पर कार्यभार बढ़ जाता है। वर्तमान में प्रत्येक माह योगदान देने वाले 7.74 करोड़ सदस्यों में से 4.83 करोड़ सदस्यों ने अपने बैंक खातों को यूएएन से जोड़ दिया है। 14.95 लाख स्वीकृतियां नियोक्ताओं के स्तर पर लंबित हैं।
उल्लेखनीय है कि नियोक्ताओं के कारोबार को आसान बनाने तथा सदस्यों के जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से सदस्य के बैंक खाते की सीडिंग प्रक्रिया में बैंक खाते के सत्यापन को मंजूरी देने की नियोक्ता की भूमिका को अब समाप्त कर दिया गया है। इससे 14.95 लाख से अधिक सदस्यों को तुरंत लाभ मिलेगा, जिनकी मंजूरी नियोक्ताओं के पास लंबित है। उपरोक्त सरलीकृत प्रक्रिया से उन सदस्यों को भी सुविधा होगी जो अपना नया बैंक खाता नंबर दर्ज करके पहले से जुड़े बैंक खाते को बदलना चाहते हैं। साथ ही आधार ओटीपी के माध्यम से विधिवत प्रमाणित आईएफएससी कोड भी दर्ज करना होगा। जिन सदस्यों ने अभी तक अपने बैंक खाते को सीड नहीं किया है या अपने सीडेड बैंक खाते को परिवर्तित नहीं किया है, वे अपने बैंक खाते को यथाशीघ्र सीड कराने के लिए उपरोक्त सरलीकृत प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर