
नई दिल्ली, 9 मार्च (हि.स.)। पूर्वी जिले की साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर 44.5 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार जालसाजों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। पूर्वी जिले के डीसीपी अभिषेक धानिया ने रविवार को बताया कि आरोपितों ने सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपितों की पहचान जयपुर राजस्थान निवासी दिनेश, प्रशांत, प्रकाश चौधरी व गजेंद्र कुमार के रूप में हुई है। इनके पास से जालसाजी में इस्तेमाल चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
पूछताछ में आरोपितों ने खुलासा किया है कि ये लोग विदेश में बैठे स्कैमर्स के संपर्क में हैं जोकि विदेश में बैठकर भारतीयों के साथ डिजिटल अरेस्ट व अन्य तरीकों से साइबर ठगी को वारदात को अंजाम देते हैं।
पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर उनके गिरोह के अन्य गुर्गों व भारत में उनके नेटवर्क के बारे में पता करने की कोशिश कर रही है। आरोपितत प्रकाश एमएनआईटी, जयपुर का छात्र रहा है। हालांकि इसने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। जबकि गजेंद्र स्नातक है और वर्तमान में सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहा था। इसके पिता सऊदी में वाहनचालक का काम करते हैं। वहीं प्रशांत शादी व समारोहों में डीजे व दिनेश उसके हेल्पर का काम करता है। दिनेश ने प्रशांत के साथ मिलकर ठगी में इस्तेमाल बैंक खाता उपलब्ध कराया था।
इनके अलावा गिरोह के मास्टरमाइंड महेश नेहरा व महेंद्र दारा नामक आरोपितों की पुलिस को अभी भी तलाश है। महेश नेहरा विदेशी स्कैमर्स से सीधे संपर्क में था और ठगी की रकम को ठिकाने लगाने समेत गिरोह का सारा काम इसी के इशारे पर होता था।
पुलिस के मुताबिक मामले में 29 जनवरी को मयूर विहार फेज एक निवासी विरेंद्र कुमार इंदोरा ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की शिकायत दी थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ जालसाजों ने सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने के बाद उनसे 44.5 लाख रुपये ठग लिए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो आरोपितों के बैंक खाते व व्हाट्सऐप की जानकारी निकाली। बैंक खाता जयपुर निवासी दिनेश के नाम पर था और इस खाते में पीड़ित की ओर से 38 लाख रुपये भेजे गए थे। ये रकम कुचामन सिटी में बैंक के ब्रांच से निकाल ली गई थी। बैंक की सीसीटीवी फुटेज व तकनीकि टीम की मदद से एक आरोपित की पहचान कर पुलिस ने पांच मार्च को जयपुर छापा मारा और दिनेश को गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि पांच अन्य लोग इस पूरी वारदात में शामिल हैं। उसकी निशानदेही पर प्रशांत, प्रकाश व गजेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में इन सभी के पास से जालसाजी में इस्तेमाल चार मोबाइल फोन बरामद कर लिए गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी