नमो भारत कॉरिडोर के शताब्दी नगर रिसीविंग सब-स्टेशन पर बिजली आपूर्ति शुरू
- Admin Admin
- Feb 12, 2025
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गाजियाबाद, 12 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के शताब्दी नगर रिसीविंग सब-स्टेशन (आरएसएस) पर बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई है। यह मेरठ सेक्शन को संचालित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। यह नमो भारत ट्रेनों और स्टेशनों के साथ-साथ मेरठ मेट्रो के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि शताब्दी नगर आरएसएस मेरठ के कई प्रमुख स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति करेगा, जिसमें शताब्दी नगर, परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल और एमईएस कॉलोनी स्टेशन हैं। वर्तमान में, गाज़ियाबाद और मुरादनगर आरएसएस न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 11 स्टेशनों सहित 55 किलोमीटर के परिचालित खंड को बिजली आपूर्ति कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर पांच आरएसएस- सराय काले खां, गाज़ियाबाद, मुरादनगर तथा मेरठ में शताब्दी नगर व मोदीपुरम में स्थापित कर रहा है। शताब्दी नगर शहर में पहला शुरू हो चुका आरएसएस है, जबकि दूसरा मोदीपुरम में निर्माणाधीन है।
आरएसएस से ट्रेन संचालन के लिए ओवरहेड उपकरण (ओएचई) को 25 किलोवॉट बिजली आपूर्ति होती है, जबकि 33 किलोवॉट बिजली (33 केवी रिंग) मेन सिस्टम और सहायक सब-स्टेशन (एएसएस) के माध्यम से स्टेशनों को वितरित की जाती है। आरएसएस वितरण कंपनियों से बिजली प्राप्त करता है और इसे 33 केवी रिंग मेन सिस्टम के माध्यम से प्रत्येक स्टेशन पर एएसएस तक पहुंचाता है, जिससे स्टेशन उपकरणों का कुशल संचालन सुनिश्चित होता है। बिजली आपूर्ति प्रणाली अधिक विश्वसनीयता और अतिरेक के लिए डिज़ाइन की गई है। किसी एक आरएसएस में किसी भी व्यवधान के मामले में, दूसरा आरएसएस निर्बाध रूप से लोड को संभाल सकता है, जिससे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होती है। इसके साथ ही सभी आरएसएस पर सोलर पैनल भी स्थापित किए जाते हैं।
शताब्दी नगर आरएसएस को उत्तर प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) ग्रिड सब-स्टेशन से 220 केवी एक्स्ट्रा हाई टेंशन (ईएचटी) केबल के माध्यम से बिजली मिलती है, जो ट्रेन संचालन के लिए 25 केवी बिजली और नमो भारत स्टेशनों के सहायक/अन्य विद्युत भार के लिए 33 केवी बिजली वितरित करती है।
एनसीआरटीसी सभी विद्युत सबस्टेशनों, स्टेशनों और डिपो में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र, ग्रीन स्पेस, एलईडी लाइटिंग, प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था और ऊर्जा-कुशल एयर कंडीशनिंग को शामिल करके सतत क्षमता को भी प्राथमिकता दे रहा है। ये नमो भारत कॉरिडोर के लिए अत्याधुनिक, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता है, जिससे यात्रियों के लिए एक सुगम यात्रा अनुभव सुनिश्चित होता है।
एनसीआरटीसी ऊर्जा कुशलता को लेकर भी कदम उठा रहा है। 82 किमी लंबे सम्पूर्ण नमो भारत कॉरिडोर के संचालित होने पर इससे 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने का भी लक्ष्य है, जिससे सालाना 11,500 टन CO2 उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली