खड़गपुर शहर में घुसा हाथियों का दल, मचा हड़कंप

कोलकाता, 12 नवंबर (हि.स.) । खड़गपुर शहर में मंगलवार को हाथियों का एक बड़ा दल घुस आया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। गोकुलपुर रेललाइन पार कर शहर में प्रवेश करने वाले इस दल में एक शावक समेत आठ वयस्क हाथी शामिल थे। फिलहाल, ये हाथी खड़गपुर महकमा अस्पताल के पास एक झाड़ी में रुके हुए हैं, और वन विभाग इन्हें कलाईकुंडा या हिजली के जंगलों की ओर भेजने की कोशिश कर रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हाथियों का यह दल शहर में इधर-उधर घूम रहा है और कभी-कभी घरों के आंगन तक पहुंच जा रहा है। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है। वन विभाग के कर्मचारी स्थिति को नियंत्रित करने और हाथियों को वापस जंगल में भेजने का प्रयास कर रहे हैं।

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार रात नौ बजे के आसपास हाथियों का यह दल कंसाई नदी पार कर खड़गपुर के चौरंगी इलाके में दाखिल हुआ। उस समय दल में 10 हाथी थे। वन विभाग ने चौरंगी इलाके में एक कॉरिडोर बनाकर इन्हें शताकुई की ओर भेजने का प्रयास किया, लेकिन हाथी उलटे राष्ट्रीय राजमार्ग पार कर गोकुलपुर की ओर से खड़गपुर शहर में घुस आए। सुभाषपल्ली इलाके में एक घर की ग्रिल भी तोड़ दी। इसके बाद एक हाथी दल से बिछड़कर एक फैक्ट्री की ओर चला गया, जबकि बाकी नौ हाथी शहर में घुस आए।

खड़गपुर के अतिरिक्त विभागीय वनाधिकारी (एडीएफओ) चिन्मय वर्मण ने मंगलवार को कहा, रात करीब ढाई बजे नौ हाथियों का दल खड़गपुर शहर में घुस आया। यह पहली बार है जब खड़गपुर शहर में हाथियों के आने की घटना हुई है। रात में ही उन्हें जंगल की ओर ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। शहर में जनसंख्या होने के कारण हाथियों को तुरंत जंगल की ओर खदेड़ना संभव नहीं है। प्रशासन से खड़गपुर शहर में धारा 144 लागू करने का अनुरोध किया गया है। फिलहाल, हाथी खड़गपुर अस्पताल के पास के जंगल में रुके हुए हैं और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए निगरानी की जा रही है। शाम के बाद उन्हें वहां से हटाकर जंगल में भेजने की कोशिश की जाएगी।”

उल्लेखनीय है कि करीब दो साल पहले मेदिनीपुर शहर में एक अकेला हाथी का बच्चा घुस आया था। काफी प्रयास के बाद उस हाथी को बेहोशी का इंजेक्शन देकर मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर से निकाला गया था। लेकिन खड़गपुर शहर में हाथियों का इस तरह घुसने का यह पहला मामला है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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