राजस्थान में इमरजेंसी-आईसीयू सेवाएं बहाल, काम पर लौटे रेजिडेंट

जयपुर, 21 अगस्त (हि.स.)। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। बुधवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से सचिवालय में हुई मुलाकात के बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने आंशिक तौर पर हड़ताल वापसी का निर्णय लिया। मंत्री खींवसर ने उन्हें आश्वस्त किया कि रेजिडेंट्स के लिए 30 बॉडीगार्ड्स लगाए जाएंगे। वहीं एसएमएस पुलिस चौकी की स्ट्रेंथ भी बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कॉलेज स्तर पर कमेटी बनाने, मेंटल हेल्थ सेल और कार्य बहिष्कार अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किए जाने समेत कई मुद्दों पर सहमति बनी। प्रदेश में रेजिडेंट्स की हड़ताल होने से इमरजेंसी में समस्याओं का सामना करना पड़ा है। आज हुई वार्ता में सात से आठ मुद्दों पर सहमति बनी है। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स इमरजेंसी और आईसीयू की सेवाओं में हमारी पूरी सहायता करेंगे। मैं सोचता हूं कि सभी राज्यों में राजस्थान ऐसा पहला राज्य हैं जहां बैठक में ये फैसले किए गए हैं।

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के अध्यक्ष डॉक्टर मनोहर सियोल ने बताया कि हमने राज्य में जनहित को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल को आंशिक तौर पर वापस लेने का निर्णय किया है। संगठन ने अब एसएमएस मेडिकल कॉलेज और उससे अटैच हॉस्पिटलों में इमरजेंसी सर्विस, आईसीयू, इमरजेंसी ओटी, लेबर रूम में अपनी सर्विस को बहाल किया है। हालांकि, जनरल ओपीडी, वार्ड सेवाओं और रूटीन ओटी सेवाओं में अपनी सर्विस को अभी सस्पेंड रखा जाएगा। डॉक्टर सियोल ने बताया कि ये सेवाएं नेशनल लेवल पर हमारे संगठन की ओर से कोई निर्णय लेने के बाद ही बहाल की जाएगी। बैठक में हेल्थ डिपार्टमेंट की एसीएस शुभ्रा सिंह और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी भी मौजूद रहे।

देर शाम अजमेर में भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल वापसी का ऐलान किया। जेएलएन अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया कि रेजिडेंट की हड़ताल खत्म हो गई है। कल से 650 रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौटेंगे। फिलहाल केवल इमरजेंसी कार्य करेंगे। जोधपुर मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट अध्यक्ष डॉ. रविंद्र चारण ने बताया कि जोधपुर में रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। पिछले चार दिनों जो इमरजेंसी सेवाएं नहीं दे रहे थे। अब सिर्फ इमरजेंसी में सेवाएं देंगे। जोधपुर में करीब 750 रेजिडेंट डॉक्टर हैं। इनके इमरजेंसी ड्यूटी पर आने से एमडीएम, एम्स, एमजी हॉस्पिटल, उम्मेद हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के लिए सेवाएं फिर बहाल हो जाएंगी।

प्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कोलकाता में हुई घटना के विरोध में हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया था। इसके साथ ही डॉक्टर्स ने इमरजेंसी को छोड़कर सभी सेवाएं बंद कर दी थी। तब डॉक्टर्स ने कोलकाता पीड़िता के आरोपिताें को फांसी की सजा मिलने और जयपुर समेत राजस्थान के तमाम हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रबंधन करने और कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप

   

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