भूतनाथ मंदिर विवाद पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने बनाई जांच कमेटी, सात दिन में मांगी रिपोर्ट 

- सन्यास धर्म छोड़ गृहस्थ बने महेश गिरि संपत्ति की लालच में फिर बने सन्यासी

- भूतनाथ मंदिर काे व्यक्तिगत संपत्ति बताने का आराेप, जूना अखाड़े के संतों में रोष - वस्तु स्थिति सामने लाएगी 11 सदस्यीय जांच समिति, रिपाेर्ट के आधार पर हाेगी कार्रवाई हरिद्वार, 30 नवंबर (हि.स.)। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के जूनागढ़ स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर काे अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बताकर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरी गिरि महाराज पर आरोप लगाने वाले पूर्व सांसद महेश गिरि को लेकर जूना अखाड़े के संतों में रोष व्याप्त है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने 11 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो इन सभी आरोपित की गंभीरता से जांच पड़ताल कर सात दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपाेर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

समिति के संरक्षक महंत आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज होंगे और समिति महंत मोहन भारती महाराज की अध्यक्षता में जांच करेगी। जांच कमेटी में महामंडलेश्वर कपिल पुरी महाराज, महामंडलेश्वर महेश्वर आनंद गिरि महाराज, महंत गणपत गिरी, महंत केदारपुरी, महंत सिद्धेश्वर यती, महंत आनंद गिरि, महंत निरंजन भारती, महंत शिवानंद सरस्वती तथा अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरि महाराज को सदस्य नियुक्त किया गया है ।

इस संबंध में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरि महाराज का कहना है कि महेश गिरि को महंत अमृत गिरी महाराज ने जूनागढ़ स्थित कमंडल कुंड की देख-देख की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन वह सन्यास धर्म छोड़कर गृहस्थ बन गए और बाद में दिल्ली से चुनाव लड़कर सांसद बन गए, लेकिन अब उन्होंने भूतनाथ मंदिर जूनागढ़ तथा अन्य संपत्तियों पर कब्जा करने के नियत से फिर से सन्यास ग्रहण कर लिया है और भूतनाथ महादेव मंदिर पर अपना दावा किया है। गठित समिति वस्तु स्थिति सामने लाकर महेश गिरि के खिलाफ कार्रवाई करेगी क्योंकि जूना खड़े की सभी संपत्तियों का स्वामित्व भगवान दत्तात्रेय में निहित है। ऐसे में महेश गिरि का दावा अनर्गल और झूठा है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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