धमतरी:एक ही गांव के 200 किसानों के रकबा में त्रुटि, किसान नहीं कटा पा रहे हैं टोकन
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- Nov 17, 2025
धमतरी, 17 नवंबर (हि.स.)।समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए जब किसान टोकन कटाना शुरू किया, तो एक ही गांव के 200 से अधिक किसानों के रकबा में भारी कमी दिखा रहा है। ऐसे में किसान चाहकर भी टोकन नहीं कटा पा रहे हैं, क्योंकि रकबा कम होने से उन्हें धान बेचने में दिक्कतें आएगी। कम धान बिकेगा, इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे आक्रोशित किसानों की भीड़ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर रकबा में त्रुटि सुधार शीघ्र करने की मांग की है। मांगे पूरी नहीं होने पर कलेक्ट्रेट परिसर के सामने धरना प्रदर्शन् करने की चेतावनी किसानों ने शासन-प्रशासन को दिए है।
धमतरी ब्लाक के ग्राम नवागांव-कंडेल के किसान घनाराम साहू, अशोक कुमार, गणेश राम, अलखराम, मेहतर राम, अशोक साहू, हरेन्द्र कुमार, ईश्वर साहू, लखन लाल धु्रव, देवाराम साहू, हिमेश, विनोद कुमार समेत बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ 17 नवंबर को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर किसानों की भीड़ ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम नवागांव पटवारी हल्का नंबर 39 रानिमं कोलियारी के किसानों का धान खरीद केन्द्र भोथली है। गांव के करीब 200 से अधिक किसानों के रकबा में त्रुटि हुआ है। जमीन के बी-वन समेत अन्य दस्तावेज सही है, लेकिन रकबा में भारी कमी है। यह जानकारी किसानों को जब समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए टोकन कटाया, तब पता चला। इससे पहले इसकी जानकारी नहीं हो पाया था। रकबा कम होने के कारण किसानों को टोकन कटाने में दिक्कतें आ रही है। क्योंकि रकबा में भारी गड़बड़ी है, ऐसे में किसान अपना उत्पादित धान को समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाएंगे। रकबा में गड़बड़ी की शिकायतें स्थानीय कर्मचारियों से किया जा चुका है, लेकिन अब तक समाधान नहीं हो पाया है। वहीं इन कर्मचारियों से संतोषप्रद जवाब नहीं मिला है, इससे किसानों में भारी आक्रोश है।
रकबा कम होने से किसान मानसिक रूप से परेशान है। रकबा नहीं बढ़ने पर किसान अपना पूरा उत्पादन समर्थन् मूल्य पर नहीं बेच सकेंगे, इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसी तरह आसपास गांवों के कई किसानों ने रकबा कम होने की शिकायतें की है, इसका समाधान अब तक नहीं हो पाया है। पीड़ित किसानों ने शासन-प्रशासन से शीघ्र ही रकबा में त्रुटि सुधार करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि पिछले साल किसी तरह की दिक्कतें नहीं थी, लेकिन एग्री स्टेक में पंजीयन के बाद ही यह स्थिति आई है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा



