गोपेश्वर, 16 नवम्बर (हि.स.)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड का अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव ऐराठा के बच्चों को आजादी के 75 वर्ष गुजर जाने के बाद भी आंगनबाड़ी केन्द्र तक नसीब नहीं हो पाया है। गांव से आंगनबाड़ी केंद्र 10 किलोमीटर दूर होने से बच्चों ने आंगनबाड़ी केंद्र देखा तक नहीं है।
ग्रामीण लगातार गांव मिनी आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं। जो आज तक पूरी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने सरकार के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की है।
आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को भी सरकार से मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव ऐराठा ग्राम पंचायत ओडर का एक तोक गांव है। 55 परिवार अनुसूचित जाति के ही मूल निवासी है। जनसंख्या 250 से अधिक है। आंगनबाड़ी केंद्र सिलगी में है जो गांव से 10 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां जाने के लिए पैदल रास्ता घने जंगल से गुजरना पड़ता है। गांव में शून्य से चार वर्ष के 20 से अधिक बच्चे हैं। लेकिन एक भी बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र नहीं जाता है।
गांव के प्रधान खीम राम, ऐराठा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र कुमार, पूर्व प्रधान मदन राम टम्टा ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि पूरे विकास खंड में एक मात्र गांव ऐराठा है, जहां इस हाईटेक युग में भी आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है। ग्रामीण लगातार गांव में मिनी आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन समस्या जस की तस बनी है। शीघ्र केन्द्र खोलने की मांग की है।
इधर, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास हिमांशु बरोला ने कहा है कि ऐराठा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिलती है। प्रस्ताव तैयार किया गया है। केन्द्र सरकार की ओर से नए केन्द्र के प्रस्ताव मांगने पर भेजा जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल