जालुकबारी में चला अतिक्रमण हटाओ अभियान

जालुकबारी में व्यापक अतिक्रमण हटाओ अभियान,।

गुवाहाटी, 30 जनवरी (हि.स.)। गुवाहाटी के जालुकबारी इलाके में गुरुवार सुबह से ही बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। पुलिस बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंची। उनके साथ रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), अर्धसैनिक बल और कमांडो टीम भी मौजूद थी। प्रशासन की सख्त कार्रवाई के तहत एक के बाद एक घरों को गिरा दिया गया। रेलवे की जमीन पर लंबे समय से अवैध रूप से बसे लोगों पर प्रशासन ने कड़ा प्रहार किया।

यह अतिक्रमण हटाओ अभियान जालुकबारी में रेलवे से सटे 20 बीघा जमीन पर चलाया गया, जो वर्षों से अवैध कब्जाधारियों के नियंत्रण में थी। इससे पहले भी कई बार अभियान चलाया गया था, लेकिन अदालत के आदेशों के कारण पूरी जमीन को खाली कराना संभव नहीं हो सका। हालांकि, इस बार अदालत की अनुमति मिलने के बाद गुरुवार को रेलवे विभाग ने आठ बस्तियों को हटाकर जमीन को पुनः प्राप्त किया।

2023 में असम सरकार और रेलवे विभाग के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत पलटन बाजार स्थित एएसटीसी (एएसटीसी) बस टर्मिनल की चार बीघा जमीन रेलवे को हस्तांतरित की गई थी, जबकि बदले में रेलवे की जालुकबारी स्थित 20 बीघा जमीन असम सरकार को दी गई थी। सरकार की योजना के अनुसार, इस जमीन पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का निर्माण किया जाएगा। लेकिन अवैध कब्जे के कारण अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका था।

वर्तमान में रेलवे विभाग और कामरूप महानगर प्रशासन संयुक्त रूप से इस जमीन को मुक्त कराने में जुटे हैं। गुरुवार के अभियान में जमीन का एक बड़ा हिस्सा खाली करा लिया गया। प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि जब तक पूरी जमीन खाली नहीं हो जाती, तब तक अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहेगा।

हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां रहने वाले परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट योजना नहीं बताई गई है। लेकिन सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे परियोजना और शहरी विकास योजनाओं को लागू करने के लिए अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर

   

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