ठाणे सिविल अस्पताल में मूक बधिर ताहिर के जीवन में लौटी नेत्रों को ज्योति
- Admin Admin
- Nov 19, 2025
मुंबई,19 नवंबर ( हि.स.) । ठाणे जिला सिविल अस्पताल में मूक-बधिर और बौद्धिक रूप से विकलांग ताहिर का मोतियाबिंद का एक बेहद कठिन ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है। ठाणे सिविल ने ताहिर के जीवन में उजाला लौटाने में मदद का हाथ बढ़ाया है, जिसे निजी अस्पतालों ने ठुकरा दिया था।
ठाणे के समाजसेवी प्रशांत सिनकर ने बताया कि भिवंडी निवासी 45 वर्षीय ताहिर अंसारी जन्म से ही बहरे थे। स्थिति को समझने की उनकी सीमित क्षमता के कारण, उनके परिवार और डॉक्टरों, दोनों को ही किसी भी चिकित्सा उपचार में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पिछले छह महीनों से उनकी दृष्टि धुंधली हो रही थी और उनकी दोनों आँखों में गंभीर मोतियाबिंद का निदान किया गया था।
निजी अस्पतालों ने यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि यह ऑपरेशन खतरनाक था। हालाँकि, ठाणे सिविल अस्पताल ने ताहिर की पूरी जाँच करने के तुरंत बाद ऑपरेशन करने का फैसला किया। जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार और अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महांगड़े ने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभांगी अंबाडेकर के मार्गदर्शन में यह चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन किया।
यह एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि सर्जरी के दौरान ताहिर लगातार हिल रहा था। एक भी गलत हरकत उसकी आँख को स्थायी नुकसान पहुँचा सकती थी। हालाँकि, टीम के धैर्य, सटीकता और कुशलता के कारण यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभांगी अंबाडेकर ने कहा।
“ ठाणे जिला सिविल अस्पताल के सर्जन डॉ कैलाश पवार का कहना है कि मरीज की स्थिति चाहे जैसी भी हो, अगर सही योजना और टीम वर्क हो तो इलाज संभव है। ताहिर की सर्जरी हमारी मेडिकल टीम के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण है,” —
ताहिर के पिता अंसार अहमद अंसारी का कहना है कि भिवंडी के कई नेत्र रोग विशेषज्ञों ने ताहिर की आँखों का इलाज करने से इनकार कर दिया था। मैं ठाणे सिविल अस्पताल का हमेशा आभारी रहूँगा कि उसने जिस देखभाल से उसका इलाज किया और उसकी खोई हुई दृष्टि वापस पाई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा



