सीयू जम्मू में भारत में सतत विकास पर संकाय विकास कार्यक्रम शुरू हुआ

सीयू जम्मू में भारत में सतत विकास पर संकाय विकास कार्यक्रम शुरू हुआ


जम्मू,18 मार्च । जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग ने भारत में सतत विकास: 2047 में विकसित भारत के लिए मार्ग तैयार करना विषय पर अपने संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुई जिसमें प्रख्यात वक्ताओं ने भाग लिया और भारत के विकास के रोडमैप पर प्रेरक चर्चा की। मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता डॉ. डी के ओझा ने ऊर्जा क्षेत्र को आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने विकसित भारत विजन पर विस्तार से चर्चा की जिसमें बुनियादी ढांचे में बदलाव और संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया जो भारत के सतत भविष्य को आकार दे रहे हैं। उनके संबोधन ने भारत के दीर्घकालिक आर्थिक लचीलेपन और सतत ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका पर एक व्यापक परिप्रेक्ष्य पेश किया।

सत्र का औपचारिक उद्घाटन अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख और सीयू जम्मू के मानविकी और सामाजिक विज्ञान स्कूल के डीन प्रोफेसर ए के नंदा ने किया। विशिष्ट अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रो. नंदा ने बौद्धिक रूप से समृद्ध एफडीपी के लिए माहौल तैयार किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में उनके समर्थन और नेतृत्व के लिए कुलपति, प्रो. संजीव जैन का भी आभार व्यक्त किया। तन्वी संब्याल, शोध छात्रा ने सत्र का कुशलतापूर्वक संचालन किया, जिससे इसका निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हुआ।

कार्यक्रम में दो विशेषज्ञ व्याख्यान शामिल थे जिसमे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रो. प्रदीप चौहान जिन्होंने भारत में वैश्विक पर्यावरण शासन और सतत विकास पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान की और प्रो. एस आई राजन ने प्रवासन और सतत विकास से इसके संबंध पर चर्चा की। सहयोगी प्रोफेसर डॉ. शावेता कोहली ने कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अमूल्य समर्थन को स्वीकार किया जिनमें सीयू जम्मू के रजिस्ट्रार प्रो. यशवंत सिंह, आईक्यूएसी निदेशक प्रो. विनय कुमार, डीन अकादमिक प्रो. सुरम सिंह और एसोसिएट डीन अकादमिक प्रो. उदय प्रताप सिंह शामिल थे जिनके मार्गदर्शन ने कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया।

बताते चलें कि सहायक प्रोफेसर अनिल कुमार भारती एफडीपी के समग्र समन्वय का नेतृत्व कर रहे हैं, चर्चाओं को सुगम बना रहे हैं और सक्रिय प्रतिभागी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने एफडीपी के उद्देश्यों, विषयों और अपेक्षित परिणामों का एक व्यापक अवलोकन भी प्रदान किया। उद्घाटन सत्र में अर्थशास्त्र विभाग के संकाय सदस्यों, विद्वानों और छात्रों की उत्साही भागीदारी देखी गई जिसने सतत विकास पर चर्चा के लिए एक गतिशील मंच को बढ़ावा दिया

   

सम्बंधित खबर