
किसानों को मजबूरन करना पड़ रहा दिल्ली का रूख
सोनीपत, 18 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा
सरकार द्वारा पारित बीज संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में बीज उत्पादकों ने बीज सप्लाई
रोक दी है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ने लगा है, जिन्हें खरीफ सीजन की बुवाई के
लिए पुराने स्टॉक पर निर्भर रहना पड़ रहा है। सोनीपत
में बीज उत्पादकों द्वारा 3 अप्रैल से बीज की आपूर्ति बंद की हुई है। इससे जिले के
हजारों किसान परेशानी में हैं। ज्वार, मक्का, बाजरा और धान जैसी खरीफ फसलों की बुवाई
शुरू हो चुकी है, लेकिन बीज की नई खेप बाजार में नहीं पहुंची है। फिलहाल बीज विक्रेता
पुराने स्टॉक से काम चला रहे हैं, लेकिन अगर सप्लाई जल्द बहाल नहीं हुई, तो हालात बिगड़
सकते हैं।
हरियाणा
सरकार का कहना है कि यह बीज संशोधन विधेयक मिलावटी और नकली बीज बेचने वालों पर लगाम
कसने के लिए लाया गया है। नए प्रावधानों के तहत बीज की गुणवत्ता खराब पाई जाने पर उत्पादक
और विक्रेता दोनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रावधान का विरोध करते हुए बीज
उत्पादकों ने सप्लाई बंद कर दी और विक्रेताओं ने हड़ताल की।
हालांकि,
बीज विक्रेताओं ने सोनीपत विधायक निखिल मदान के साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से
मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने हड़ताल समाप्त कर दुकानें खोल दी हैं। विक्रेता अब
सरकार से संशोधन वापसी या उसमें राहत देने वाली अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। बीज
मार्केट एसोसिएशन के प्रधान सतीश कुमार बिन्नी ने बताया कि मुख्यमंत्री से हुई बातचीत
सकारात्मक रही। जल्द ही नोटिफिकेशन आने की उम्मीद है, जिसमें विक्रेताओं की मांगों
पर विचार होगा। यदि
बीज की सप्लाई जल्द शुरू नहीं हुई, तो किसानों को बीज के लिए दिल्ली तक जाना पड़ सकता
है, जिससे समय और लागत दोनों बढ़ेगी। जिले के लगभग 400 लाइसेंसधारी बीज विक्रेता इस
समय भारी दबाव में काम कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना