जींद के गांवों में ओलावृष्टि, गेहूं की फसलें बिछी

जींद, 1 मार्च (हि.स.)। जिला में शनिवार को तीसरे दिन भी बारिश लगातार रूक-रूक कर जारी रही। शुक्रवार रात को कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। जिससे खेत में खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा। 20 से ज्यादा गांवों में लगभग 20 मिनट तक लगातार ओलावृष्टि हुई। जिससे खेतों में खड़ी सरसों की फसल का फल झड़ गया तो तेज हवाओं से गेहूं की फसल बिछ गई।

इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार ने बारिश तथा ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोल दिया है। जिस पर किसान दस मार्च तक अपनी बर्बाद हुई फसल का ब्यौरा दर्ज करवा सकते हैं। इससे पहले 20 फरवरी को भी वर्षा के साथ नरवाना, उचाना और जींद के 40 से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि हुई थी।

बारिश तथा ओलावृष्टि से तापमार में गिरावट आई है। शनिवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि हवा की गति पांच किलोमीटर प्रतिघंटा रही वहीं मौसम में आद्रता 70 प्रतिशत बनी रही। शुक्रवार देर शाम को उचाना खंड के गांव बुडायन, भौंगरा, दुर्जनपुर, उचाना कलां, खापड़, बरसोला, खटकड़, बड़ौदा, रोजखेड़ा, घोघडिय़ां, कुचराना कलां, कुचराना खुर्द, छात्तर, बधाना, नगूरां समेत 20 से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है।

किसान रोहताश, प्रवीण ने बताया कि तेज हवा के साथ ओलावृष्टि से गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई किसानों के खेतों में लगी सोलर प्लेटें भी टूट गई हैं।

डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि सरकार की तरफ से क्षति पूर्ति पोर्टल खोला गया है। 10 मार्च तक किसान पोर्टल पर फसल में हुए नुकसान की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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