किसानों को जैविक खेती करने की जानकारी दी, सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया गया
- Admin Admin
- Nov 26, 2025
किसानों को जैविक खेती करने की दी गई जानकारी
पूर्वी चंपारण, 26 नवंबर (हि.स.)। जिले बनकटवा प्रखंड मुख्यालय के ई किसान भवन सभागार में बुधवार को कृषि जन कल्याण चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमे बड़ी संख्या में किसानो ने हिस्सा लिया।इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानो को आधुनिक कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं से अवगत कराना था। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखंड कृषि पदाधिकारी राम कुमार पासवान और पंचायत के मुखिया ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस चौपाल में उपस्थित किसानों को रबी की फसल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। जैविक खेती पर विशेष जोर देते हुए बताया गया कि यूरिया व अन्य रसायनिक खाद खेतों को नुकसान पहुंचाती है, इसलिए इसके उपयोग से बचना चाहिए। किसानों को यूरिया के स्थान पर बाजार में उपलब्ध अन्य सस्ती खादों का प्रयोग करने की सलाह दी गई।किसानों को धान की कटाई के बाद फसल अवशेष (पराली) न जलाने के लिए भी जागरूक किया गया। अधिकारियों ने बताया कि किसान अब वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहे हैं, जिससे फसल का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। इस रबी महाअभियान का मुख्य लक्ष्य किसानों तक नई-नई तकनीकें पहुंचाकर रबी फसल का उत्पादन बेहतर करना है।_
प्रखंड कृषि पदाधिकारी राम कुमार पासवान ने किसानों को बताया कि यह चौपाल एक कृषि-संबंधित कार्यक्रम है, जो उन्हें आधुनिक तकनीकों, सरकारी योजनाओं और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों के बारे में शिक्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की समस्याओं का समाधान करना और उनकी आय बढ़ाने में मदद करना है।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के प्रखंड सहायक तकनीकी प्रबंधक प्रिंस राज, कृषि समन्वय सुधीर कुमार ने कहा कि नई तकनीक और उन्नत बीज का प्रयोग करके किसान बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। उन्होंने किसानों को खेती की नई तकनीकों के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न घटकों को अपनाकर भी अपनी आय बढ़ाने का सुझाव दिया।कृषि समन्वयक दीपक कुमार और किसान सलाहकार अतुल कुमार ने किसानों को खेती की नई तकनीकों की विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान किसानों को पराली प्रबंधन के महत्व पर भी जागरूक किया गया। साथ ही, उन्हें मिट्टी जांच से जुड़े विभिन्न बिंदुओं की जानकारी देते हुए मिट्टी जांच कराने के लिए प्रोत्साहित किया गया, ताकि वे अपनी भूमि की उर्वरता के अनुसार खेती कर सकें।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार



