यमुनानगर: किसानों ने लंबित मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

यमुनानगर, 11 मार्च (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी लंबित मांगों को लेकर लघु सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। भाकियू (टिकैत) के जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर व अखिल भारतीय किसान सभा के जरनैल सिंह सांगवान ने मंगलवार को बताया कि आज किसानों की लंबित मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी लंबित मांगें है कि 25 नवंबर 2024 को जारी की गई कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क को हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर इसे वापिस लिया जाए और प्रदेश में लागू न किया जाए।

बिजली कानून और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द किया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिश रिपोर्ट के अनुसार दो प्लस 50 प्रतिशत खरीद की कानूनी गारंटी दी जाए। किसान आंदोलन और विभिन्न आंदोलनों के दौरान किसानों पर प्रदर्शन के दौरान बनाए गए मुकदमों को रद्द किया जाए और पराली के नाम पर किसानों पर बनाए गए मुकदमों को भी रद्द किया जाए। इस वर्ष रबी 2025 गेहूं की फसल सहित अन्य फसलों पर भी किसानों को बोनस दिया जाए। खरीद 2024 में सूखा राहत कोष से जिन किसानों को मदद नहीं मिली उन्हें राशि जारी की जाए। पिछले फसल खराब के मुआवजे और लंबित बीमा क्लेम राशि को जारी किया जाए। रबी 2025 में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए। सरसों की खरीद तुरंत की जाए और किसान व मजदूरों को कर्ज मुक्त किया जाए।

किसानों के लंबित पड़े ट्यूबवेल कनेक्शनों को तुरंत जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां बनाकर किसानों के नए खाते खोलकर उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश की जलवायु संसाधनों के मद्देनजर किसान व मजदूर हितैषी वैकल्पिक कृषि नीति बनाई जाए। मनरेगा का विस्तार हो और मजदूरों की दिहाड़ी भी बढ़ाई जाए। किसान और मजदूरों की 50 वर्ष की आयु के उपरांत उन्हें पेंशन की सुविधा प्रदान की जाए और उनकी बुढ़ापा पेंशन भी बढ़ाई जाए और आवारा पशुओं का निवारण भी किया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग

   

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