बंगाल विधानसभा में पहली बार हो सकती है प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा, बच्चों की शिक्षा से है संबंध

कोलकाता, 23 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में 25 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में ऐसा पहली बार होगा जब प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा हो सकती है। 'पश्चिम बंगाल बचपन संरक्षण विधेयक, 2024' शीर्षक वाला प्राइवेट मेंबर बिल बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में शुक्रवार शाम प्रस्तुत किया गया था।

यह बिल भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने पेश किया, जो वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पेश किया गया पहला प्राइवेट मेंबर बिल है। तृणमूल सरकार ने 2011 में पश्चिम बंगाल में 34 साल के वाम मोर्चा शासन को समाप्त किया था।

हालांकि, इस बिल को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए आने की संभावना कम है, जो सोमवार से शुरू हो रहा है। कारण यह है कि किसी भी प्राइवेट मेंबर बिल को चर्चा के लिए विधानसभा के पटल पर लाने से पहले लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

पहले, प्रस्तावित बिल को राज्य के विधि विभाग से स्वीकृति लेनी होगी। इसके बाद इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय में उनकी स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने पर यह बिल राज्यपाल सीवी आनंद बोस के पास जाएगा। यदि राजभवन से मंजूरी मिलती है, तो यह बिल विधानसभा के पटल पर चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि उनके कार्यकाल में यह पहला प्राइवेट मेंबर बिल है, जिसे उनके कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बिल एक विशेष प्रक्रिया से गुजर रहा है। इसके बाद ही यह विधानसभा के पटल पर चर्चा के लिए आ सकता है।

प्रस्तावित बिल में बाल विकास के क्षेत्र में शिक्षा, आदर्श शैक्षिक माहौल का निर्माण, स्कूल छोड़ने की दर में कमी लाना और स्कूल समय में समानता जैसी आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह बिल राज्य में बाल संरक्षण और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

सम्बंधित खबर