सिरसा: कृषि बीमा योजनाएं किसानों के हित में हों: सैलजा

सिरसा, 12 जुलाई (हि.स.)। सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने राज्य में फसल बीमा योजना की गंभीर खामियों और किसानों के साथ हो रहे अन्याय पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। सैलजा ने कहा कि फसल बीमा योजना का मूल उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के समय आर्थिक राहत देना था, लेकिन यह योजना अब बीमा कंपनियों के मुनाफे का जरिया बनकर रह गई है। बीमा के नाम पर घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सांसद सैलजा ने शनिवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा है कि प्रदेश के अलग अलग जिलों में हजारों किसान कई वर्षों से फसल बीमा का क्लेम पाने के लिए भटक रहे हैं। पर उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है। सांसद ने आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां गांव को एक इकाई मानकर पूरे क्षेत्र का नुकसान आंकती हैं। यदि किसी खेत में वास्तविक नुकसान हुआ है लेकिन पूरा गांव घोषित नुकसान की श्रेणी में नहीं आता, तो उस किसान को क्लेम नहीं मिलता। यह व्यवस्था किसान विरोधी है और इसमें तुरंत बदलाव होना चाहिए। सैलजा ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के दौर में बाढ़, ओलावृष्टि जैसी आपदाएं सामान्य हो गई हैं। ऐसे में यदि किसी किसान की फसल नष्ट हो जाए तो उसे तुरंत मुआवजा मिलना चाहिए ताकि वह अगली फसल की तैयारी कर सके। लेकिन वर्तमान व्यवस्था में 2 से 3 साल की देरी आम बात हो गई है, जिससे किसान कर्ज में डूबता चला जाता है।

सैलजा ने कि कपास उत्पादक क्षेत्रों में खरीफ -23 कपास बीमा क्लेम निर्धारण में कृषि विभाग और सीआईसी कंपनी अधिकारियों की मिलीभगत से भिवानी और चरखी दादरी में 300 करोड़ का बीमा घोटाला हुआ जिसमें आज तक न तो आरोपी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई और न ही पीडि़त किसानों को मुआवजा ही मिला।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma

   

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