धमतरी में उड़नदस्ता ने जब्त किया 36 नग अर्जुन व साजा प्रजाति की लकड़ियां

सा-मिल पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी।

धमतरी, 28 अप्रैल (हि.स.)।ग्रामीण अंचलों में अवैध रूप से अर्जुन व अन्य कीमती लकड़ियों को काटकर सा-मिलों में खपाने की शिकायतें वन विभाग को लगातार मिल रही थी। इसे गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने धमतरी शहर से लगे कुछ सा-मिलों में दबिश दी। एक सा मिल से अवैध ढंग से रखे अर्जुन और साजा लकड़ी को जब्त किया है। साथ ही सा-मिल को सील कर कार्रवाई की गई है। विभाग के इस कार्रवाई से आसपास गांवों में संचालित सा-मिल संचालकों में हड़कंप मच गया है।

वन परिक्षेत्र धमतरी के अंतर्गत ग्राम रीवागहन में 28 अपै्रल को वन विभाग के उड़नदस्ता ने ग्राम रीवागहन में चेतन साहू के सा-मिल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सा-मिल में अवैध रूप से रखे गये अर्जुन एवं साजा प्रजाति की लकड़ी को जब्त किया गया। वन मंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव के निर्देश और संयुक्त वनमंडलाधिकारी मनोज विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी कुरूद, परिसर रक्षक कुरूद और गवाहों की उपस्थिति में लकड़ी का नापजोख की गई। अर्जुन प्रजाति की लकड़ी 32 नग-3.700 घन मीटर और साजा प्रजाति के चार लकड़ी 0.303 घन मीटर जब्त किया गया है। इसके साथ ही संबंधित के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण जारी कर अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

कार्रवाई करने वालों में धमतरी रेंजर संदीप सोम, एरावत सिंह मधुकर डिप्टी रेंजर कुरूद, उड़नदस्ता के सदस्य उमेश सिंह डिप्टी रेंजर, ज्ञानचंद कश्यप डिप्टी रेंजर, नरेश उपाध्याय, डिप्टी रेंजर अर्जुन निर्मलकर, परिक्षेत्रा सहायक उत्तर धमतरी, शशिकांत साहू, बीट फारेस्ट आफिसर धमतरी एवं भगतराम चेलक, बीट फारेस्ट अधिकारी कुरूद रहे। धमतरी शहर व ग्रामीण अंचलों के कई किसानों के खेतों में बड़ी मात्रा में अर्जुन समेत कई कीमती पेड़ है। ग्रामीण व किसान इन पेड़ों की गुपचुप तरीके से बिना अनुमति लिए ही काट देते हैं, जो नियम विरूद्ध है। ऐसे लोगों के खिलाफ शासन-प्रशासन कभी निरीक्षण कर कार्रवाई भी नहीं करते हैं। ऐसे में हौसला बुलंद है। वहीं शासन-प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया जाता है, क्योंकि इससे ज्यादातर गांवों में अर्जुन समेत कई कीमती लकड़ी के नियमावली से अनजान है।

डीएफओ धमतरी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया किराजस्व क्षेत्र में अर्जुन समेत कई कीमती लकड़ियों की ग्रामीण बिना अनुमति की कटाई नहीं कर सकते। इसके लिए एसडीएम से अनुमति अनिवार्य है। नियम विरूद्ध कटाई करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। इसी तरह वनांचल क्षेत्र में सभी प्रकार के लकड़ियों की कटाई के लिए वन विभाग से अनुमति अनिवार्य है। अनुमति नहीं लेने और अवैध ढंग से वृक्षों की कटाई करते पाए जाने व शिकायतों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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