फारबिसगंज निवासी 83 वर्षीय संपतलाल सेठिया ने वर्षीतप का पारणा आचार्यश्री महाश्रमणजी के सानिध्य में किया पूरा

अररिया, 02 मई(हि.स.)।

फारबिसगंज के छुआपट्टी निवासी 83 वर्षीय संपतलाल सेठिया ने वर्षीतप की कठोर तपस्या पूरी की।वर्षीतप में उनकी पत्नी के साथ पुत्र सुनील कुमार और बहू सरिता सेठिया सहित पौत्र और पौत्रवधु का सहयोग रहा।सरिता सेठिया फारबिसगंज तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा है।

वर्षीतप में व्यक्ति 13 महीने तक लगातार एक दिन निराहार और एक दिन आहार ग्रहण करके संपन्न करता है। इसमें रात्रि भोजन,जमीकंद और पानी का सर्वथा त्याग रहता है। इसमें कभी-कभी दो दिन का उपवास या तीन दिन का उपवास भी करना होता है।वर्षीतप की परंपरा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ऋषभ प्रभु से शुरू हुई है।तेरापंथ धर्म संघ के अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी की सन्निधि में गुजरात में लगभग 500 व्यक्तियों ने वर्षीतप के पारण संपन्न किए।जिसमें फारबिसगंज निवासी संपतलाल सेठिया भी है।

फारबिसगंज तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा सरिता सेठिया ने कहा कि पिताजी ने यह तपस्या पूरे अपने मनोबल के साथ की है। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा फारबिसगंज के अध्यक्ष महेंद्र बैद ने वर्षीतप पर संपतलाल सेठिया को बधाई दी है।तेरापंथी सभा की मीडिया प्रभारी कल्पना सेठिया ने दी।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

   

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