
झज्जर, 5 मई (हि.स.)। क्षेत्र से पूर्व विधायक हरिराम वाल्मीकि का लंबी बीमारी के चलते रविवार देर रात निधन हो गया। उनकी आयु करीब 76 साल रही। उनकी अंत्येष्टि शहर की शमशान भूमि में की गई।
इस मौके पर कई राजनीतिक लोगों समेत काफी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे।
वर्ष 1949 में झज्जर में कुंदन लाल के घर जन्मे हरिराम वाल्मीकि 1980 में राजनीति में आए। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में की। दो बार अपने वार्ड से नगर पालिका झज्जर के सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए।
वर्ष 2000 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट प्राप्त करने के लिए भरसक प्रयास किए, पर कांग्रेस ने टिकट नहीं दी तो उन्होंने बगावत कर दी।
आखिर वर्ष 2005 में कांग्रेस से उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिल गई और वह चुनाव भी जीत गए व 2009 तक विधायक रहे। वर्ष 2009 में कांग्रेस से उनका टिकट टिकट कट गया और भूपेंद्र हुड्डा अपनी वफादार कार्यकर्ता गीता भुकाल को पार्टी टिकट दिलवाने में सफल रहे। इस पर हरिराम नाराज हो गए और गोपाल कांडा की हरियाना लोकहित पार्टी में शामिल हो गए। कुछ ही सप्ताह बाद उन्होंने हलोपा छोड़ दी और वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। हालांकि मतदान से कुछ ही रोज पहले कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने उनको फिर कांग्रेस में शामिल करवा लिया। हरिराम वाल्मीकि के बड़े बेटे का वर्ष 2013 में निधन हो गया था। उनका छोटा बेटा बैंक कर्मचारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज