पूर्व मंत्री हाफिज आलम सैरानी को विधानसभा में दी गई अंतिम श्रद्धांजलि

कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को राज्य के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाफिज आलम सैरानी के पार्थिव शरीर को लाया गया। यहां विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ अन्य विधायक भी मौजूद थे।

हाफिज आलम सैरानी, जो लंबे समय से फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे, का सोमवार को निधन हो गया। दो हफ्ते पहले गंभीर रूप से बीमार होने के कारण उन्हें बाइपास स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां जांच में फेफड़ों के कैंसर का पता चला। रविवार को उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था।

हाफिज, जो पहले फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता थे, ने 2022 में कांग्रेस का दामन थामा। मंगलवार को प्रांतीय कांग्रेस कार्यालय, विधान भवन से उनके पार्थिव शरीर को विधानसभा लाया गया। इस दौरान उनके समर्थक और कार्यकर्ता उपस्थित थे। उनके भतीजे और उत्तर दिनाजपुर जिले के गोवालपोखर क्षेत्र के पूर्व विधायक अली इमरान रामज (विक्टर) भी उनके साथ थे। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को ही उनके पार्थिव शरीर को उत्तर दिनाजपुर ले जाया जाएगा, जहां शाम को उनका अंतिम संस्कार होने की संभावना है।

हाफिज आलम सैरानी उत्तर दिनाजपुर के प्रमुख नेता थे। उनके भाई रमजान अली गोवालपोखर के विधायक थे, जिनकी हत्या के बाद 1994 में हुए उपचुनाव में हाफिज ने जीत हासिल की। 1996 के विधानसभा चुनाव में फिर से जीतने के बाद वे मंत्री बने और 2006 तक उन्होंने राहत और सहकारी विभागों का कार्यभार संभाला। 2006 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस की उम्मीदवार दीपा दासमुंशी से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उनके भतीजे विक्टर ने फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2022 में हाफिज और इमरान दोनों फॉरवर्ड ब्लॉक छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2023 में हाफिज को प्रांतीय कांग्रेस के सह-उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था।

उनके निधन पर प्रांतीय कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, संसदीय राजनीति और प्रगतिशील कार्यों में हाफिज आलम सैरानी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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