जेवर दुकान में हमला करने वाले चार लुटेरे गिरफ्तार, दो पिस्तौल बरामद

जप्त हथियार और सामान

रामगढ़, 23 सितंबर (हि.स.)। शहर के सतकौड़ी नगर में जेसी ज्वेलर्स में हमला करने वाले लुटेरे गिरफ्तार कर लिए गए हैं। चार लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के साथ-साथ स्थानीय जनता ने भी राहत की सांस ली है। अपराधियों के पास से दो पिस्तौल, दो देसी कट्टा, 21 जिंदा गोली भी बरामद हुई है। यह जानकारी मंगलवार को एसपी अजय कुमार ने थाने में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने बताया कि अंतर्राज्यीय लुटेरों ने जेसी ज्वेलर्स में लूट की घटना को अंजाम देने के लिए हमला किया था। 7 सितंबर को हुई इस घटना के बाद पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जी-तोड़ कोशिश की। स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम ने 1000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले तब अपराधियों तक पहुंचे सके।

बोकारो जा रहे थे अपराधी

एसपी अजय कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लुटेरे झारखंड और बिहार बिहार राज्य के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं। इनमें गढ़वा जिले के भवनाथपुर थाना क्षेत्र के सिंदुरिया गांव निवासी रूपेश विश्वकर्मा उर्फ पंकज, बिहार राज्य के बक्सर जिला अंतर्गत सकरौल थाना क्षेत्र के पांडेपुर गांव निवासी धीरज मिश्रा, औरंगाबाद जिले के खैरा, अंकोरहा गांव निवासी राहुल यादव और पलामू जिले के डाल्टनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत भट्ठी गांव निवासी सौरभ राम उर्फ सौरभ कुमार उर्फ छोटू उर्फ शेखर शामिल हैं। रामगढ़ में जेसी ज्वेलर्स में लूट की घटना को अंजाम देने में यह टीम असफल रही थी। इसके बाद टीम के सदस्यों ने गढ़वा जिले में एक जेवर दुकान को लूटने का प्रयास किया, लेकिन वहां भी वे असफल रहे। इसके बाद इन लोगों ने बोकारो जिले के चास में एक जेवर दुकान को लूटने की योजना बनाई। उसी के लिए सभी साथी रामगढ़ के कोठार हुहुआ में जमा हुए थे। पुलिस को जैसे ही गुप्त सूचना मिली, वहां छापेमारी हुई। इस दौरान चार अपराधी पकड़े गए और एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से भागने में सफल रहा।

करोड़ कमाकर वकीलों पर लाखों का करते थे खर्च

एसपी ने बताया कि रूपेश, धीरज, राहुल और सौरभ की पूरी टीम बेहद शातिर तरीके से काम करती थी। वे लोग बैंक और जेवर दुकान को अपना निशाना बनाते थे। हर जगह से वे करोड़ों रुपए और जेवर की लूट करते थे। इसके बाद वे लोग महंगे वकीलों पर लाखों रुपए खर्च करते थे। वकील उन्हें जेल से बाहर निकालते थे। इसके बाद पूरी टीम एक बार फिर करोड़ों की लूट करने के लिए तैयार हो जाती थी। सभी लोग अलग-अलग जगह के रहने वाले हैं। वे बस और ट्रेन से हथियार लेकर उस जगह पहुंचते थे, जहां उन्हें लूट की वारदात को अंजाम देना होता था। वहां पर किराए का रूम लेकर रहते थे। लोकल मोटरसाइकिल से दुकान की रेकी करते थे। इसमें उन्हें कई महीने भी लगते थे। इस बीच लूट की वारदात को अंजाम देकर वे लोग बस और ट्रेन से अलग-अलग स्थान पर पहुंच जाते थे। इसके बाद वे लोग ऐसे मोबाइल ऐप से बात करते थे, जिससे पुलिस को पता ना चले।

कई कांड को दे चुके हैं अंजाम

एसपी अजय कुमार ने बताया कि यह गिरोह कई बड़े वारदातों को अंजाम दे चुका है। 2021 में कोडरमा घाटी में एक जेवर व्यवसाई को अगवा कर लूटपाट की थी। इसमें इनोवा क्रिस्टा को रांची के तरफ ले जा रहे थे, तो ओरमांझी में वे लोग एक करोड़ 47 लाख नगद और तीन करोड रुपए मूल्य के सोना और 56 किलो चांदी के साथ पकड़े गए थे। वर्ष 2018 में औरंगाबाद में एक जेवर दुकान में भीषण डाका डाला था। इसमें 40 लाख रुपए के सोने और जेवर की लूट हुई थी। वर्ष 2021 में रांची के धुर्वा में जिला पार्षद वेद प्रकाश सिंह की गोली मारकर हत्या की थी। उस घटना में धीरज मिश्रा फरार था।

सभी का रहा है आपराधिक इतिहास

एसपी अजय कुमार ने बताया कि सभी का अपराधिक इतिहास रहा है। रूपेश विश्वकर्मा उर्फ पंकज पर 10 मामले दर्ज हैं। धीरज मिश्रा पर 14 मामले दर्ज हैं। राहुल यादव पर 16 मामले दर्ज हैं। सौरभ राम पर पांच कांड दर्ज है। इस गिरफ्तारी के दौरान भी उनके पास से दो पिस्तौल, दो देसी कट्टा, 21 जिंदा गोली, लूट की वारदात में शामिल बजाज पल्सर (जेएच 12 क्यू 3398), टीवीएस अपाचे (जेएच 09 एए 8852), टीवीएस स्कूटी (जेएच 01 एफटी 7918), 7 एंड्राइड मोबाइल, दो की-पैड मोबाइल, एक चाकू, एक स्ट्रिपर कटर, दो फर्जी आधार कार्ड, दो फर्जी पैन कार्ड, एक डेबिट कार्ड, एक डोंगल और दो मोबाइल सिम मिले हैं।

छापेमारी दल में एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद, रामगढ़ थाना प्रभारी नवीन प्रकाश पांडे, मांडू इंस्पेक्टर रजत कुमार, मांडू थाना प्रभारी सदानंद कुमार, सब इंस्पेक्टर मंजेश कुमार, सुमंत कुमार राय, बीरबल हेंब्रम, जॉनी कुमार, अरविंद कुमार सिंह, दीपक रजक, दिगंबर पांडे, मंटू शर्मा शामिल थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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