कोरबा : लगभग छह करोड़ की ठगी उजागर, 35 म्यूल अकाउंट्स की पहचान, 10 आरोपित गिरफ्तार

साइबर ठगी के आरोप में 10 गिरफ्तार, 6 करोड़ की ठगी का खुलासा

कोरबा, 07 फरवरी (हि. स.)। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ (भा.पू.से) के के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान व साइबर एवं यातायात प्रभारी रवींद्र कुमार मीना(भा.पू.से), एवं नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा भूषण एक्का के नेतृत्व में कोरबा सायबर सेल एवं थाना सिविल लाइन की संयुक्त कार्रवाई में म्यूल अकाउंट्स के जरिये ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इस ऑपरेशन में अब तक 35 म्यूल अकाउंट्स हुआ पहचान जिसमें 10 आरोपिताें के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिनमें कई खाता धारक एवं अन्य लोग शामिल हैं, जिन्होंने ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराए थे।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान ने आज शुक्रवार काे जानकारी देते हुए बताया कि अब तक की जांच में लगभग छह करोड़ रुपये के संदेहास्पद लेनदेन का खुलासा हुआ है, जो फर्जी बैंक खातों के माध्यम से किया गया था। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपिताें को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

गिरफ्तार आराेपिताें में आकाश दास पिता सहाजन दास उम्र 27 साल साकिन सलियाभोठा सुमेघा थाना बाकीमोगरा, अजय दुबे पिता पवन दुबे उम्र 35 साल साकिन डिगापुर टावर के पास थाना सिविल लाईन रामपुर जिला कोरबा, आयुश तिवारी पिता गंगा प्रसाद तिवारी उम्र 23 साल साकिन पुरानी बस्ती भण्डारी चौक कोरबा, सचिन कुमार पिता बली राम उम्र 21 साकिन जमनीपाली मोहन टाकिज के पास थारी दर्री कोरबा, सरफराज मसूवी पिता आलिम मिया उम्र 19 साल साकिन शिव नगर रूमगढा थाना बालको नगर कोरबा, लखन चौहान पिता राम जतन चौहान उम्र 25 साल साकिन इंदिरा नगर जमनीपाली थाना दर्री कोराब, शिव रतन बिझवार पिता अक्ती राम बिझवार उम्र 41 साल साकिन कुचैना दादर पारा थाना कुसमुण्डा जिला कोरबा, अमित बरेठ पिता रमेश बरेठ उम्र 20 साल साकिन महुदा चांपा थाना चांपा जिला जांजगीर चापा, सुशात चतुर्वेदी पिता राजेन्द्र दास उम्र 20 साल साकिन 15 ब्लाक कोरबा सीएसईबी थाना सिविल लाईन रामपुर कोरबा, अजय कमलेश पिता दुग राम कमलेश उम्र 21 साकिन न्यू हाउसिग बोड कॉलोन खरमोरा शाम‍िल है।

कोरबा पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि वे अपने बैंक खाते, कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र या ‘उद्यम आधार’ प्रमाणपत्र किसी को न बेचें, न किराए पर दें और न ही किसी अन्य व्यक्ति को उपयोग करने दें। ऐसा करने से आप ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराध में फंस सकते हैं, जिससे गंभीर कानूनी कार्यवाही हो सकती है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे केवायसी डेटा नियमित रूप से अपडेट करें और संदिग्ध म्यूल अकाउंट्स की निगरानी करें। बैंकों को ऐसे फर्जी खातों की पहचान कर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

   

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