अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान 1.88 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई

नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान 1.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता लगाया है। लोकसभा में सोमवार को यह जानकारी दी गई।

केंद्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच आईटीसी धोखाधड़ी के 72,393 मामलों सहित केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने 1.88 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा की जीएसटी चोरी पकड़ी, जिसमें 132 गिरफ्तारियां हुईं और 20,128 करोड़ रुपये की वसूली की गई। उन्होंने सदन को बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सीजीएसटी अधिकारियों ने 20,582 मामलों में 2.30 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी। इस दौरान 31,758 करोड़ रुपये की वसूली की गई और 223 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह वित्‍त वर्ष 2022-23 और वित्‍त वर्ष 2021-22 में सीजीएसटी अधिकारियों ने क्रमश: 1.32 लाख करोड़ रुपये और 73,238 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी।

वित्‍त राज्‍य मंत्री ने बताया कि फर्जी पंजीकरण का पता लगाने के लिए, केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों ने 2023 में मई से अगस्त और 2024 में अगस्त से अक्टूबर के दौरान दो विशेष अभियान चलाया। फर्जी पंजीकरण के खिलाफ पहले अभियान में 21,808 गैर-मौजूद जीएसटीआईएन पाए गए और 24,357 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला, जबकि इस संबंध में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्‍होंने कहा कि दूसरे अभियान में 68,393 गैर-मौजूद जीएसटीआईएन पाए गए और 25,346 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला, जबकि 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

उल्‍लेखनीय है कि जीएसटी के तहत मुख्‍य रूप से चार स्लैब लागू हैं, जो क्रमश: 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी है। साथ ही सोने, चांदी, हीरे और आभूषणों पर क्रमश: 3 फीसदी, 1.5 फीसदी और 0.25 फीसदी की तीन विशेष दरें लागू हैं, जो कटे और पॉलिश हीरे और कच्चे हीरे पर लगाया जाता है। इसके अलावा जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर केवल तंबाकू और तंबाकू उत्पादों, पेय और वाहनों आदि पर अलग-अलग लागू है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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