गर्भोपक्रम-2025 कार्यशाला का समापन : प्रसवोत्तर डिप्रेशन से निपटने के बताए उपाय
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- Apr 17, 2025

जोधपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के स्त्री रोग एवं प्रसूति तंत्र विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला गर्भोपक्रम 2025 का आज समापन हुआ। यह कार्यशाला संवर्धिनी न्यास नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य गर्भसंस्कार के माध्यम से गर्भस्थ शिशु के शरीर, मन और आत्मा का समग्र पोषण रहा।
कार्यशाला के दूसरे दिन प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण सत्र के अंतर्गत विशेष रूप से आमंत्रित वक्ता डॉ. श्वेता डांगरे एवं माधुरी सदाशिव मराठे ने गर्भवती माताओं का परामर्श कैसे करें विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिए। उन्होंने संगीत, पठन, योग, ध्यान, श्वास-साधन और सचेत प्रसव तैयारी जैसे विषयों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के शारीरिक व मानसिक विकास पर गहराई से प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, प्रसव उपरांत देखभाल और प्रसवोत्तर उदासी (डिप्रेशन) से निपटने की युक्तियां भी साझा की गईं। कार्यशाला की आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर नीलिमा रेड्डी ने बताया कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से गर्भावस्था के दौरान माताओं की समग्र देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया, जो आने वाले समय में एक सशक्त पीढ़ी के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं को भयमुक्त एवं तनावमुक्त बनाए रखने हेतु भावनात्मक स्वतंत्रता तकनीक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। जिसे प्रतिभागियों ने विशेष रूप से सराहा। सत्र के अंत में प्रश्नोत्तर कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समापन समारोह में मुख्य रूप से पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ला, प्रोफेसर महेन्द्र कुमार शर्मा, प्रोफेसर चंदन सिंह, डॉ. संजय श्रीवास्तव, प्रो. ए. नीलिमा, डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. आशा के.पी., डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. दिव्या शर्मा, डॉ. सविता बिश्नोई, डॉ. हरीश सिंघल सहित विश्वविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश