गायत्री मंत्र से होता है मानव दुःख दूर - डॉ गायत्री

*जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ**जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ**जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ**जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ**जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ**जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ**जन जन के सुख, शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिर्घायु जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु गायत्री महायज्ञ*

गोरखपुर, 18 नवंबर (हि.स.)। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शान्तिकुंज, हरिद्वार के सतत् मार्गदर्शन में गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गोरखपुर के द्वारा राप्तीनगर क्षेत्र के गणेशपुरम कॉलोनी में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं विराट दीप यज्ञ का आयोजन हुआ । युग परिवर्तन की बेला में जन जन के लिए उज्ज्वल भविष्य एवं दिर्घायु जीवन हेतु प्रार्थना कर आहुति प्रदान किया गया।

कार्यक्रम को गायत्री तीर्थ, शान्तिकुंज हरिद्वार से ब्रह्मवादिनी बहिन प्रो. डॉ गायत्री, डॉ मृदुला पाण्डेय एवं कुमारी प्रतिभा की टोली ने सम्पन्न कराया, मुख्य अतिथि के रूप में लोकप्रिय भोजपुरी गायक राकेश श्रीवास्तव, समाजसेवी प्रवीण श्रीवास्तव एवं शिवेंद्र त्रिपाठी ने यज्ञ कर प्रार्थना किया।

कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मवादिनी बहिन प्रोफेसर गायत्री दीदी ने कहा कि आज पूरे विश्व मे हाहाकार मचा हुआ है। मन मे शोक, शरीर मे रोग, परिवार में कलह, समाज मे भय का वातावरण बना हुआ है। मानव मन अशांत है विषमताओं से मानव जाति जूझ रही है। इसके पीछे मानव का अंतराल है :- अचित्य चिंतन के कारण मनुष्य पृथ्वी पर सबसे खतरनाक प्राणी बन चुका है। दुनिया जो कुछ समस्याएं दिख रही है, इसका कारण मानव मस्तिष्क ही है। इसलिए मानव मस्तिष्क को साफ करने के लिए परिष्कृत करने का जो मन्त्र है वह है गायत्री महामंत्र।

दुर्बुद्धि को दूर कर सद्बुद्धि प्रदान कर मनुष्य को देवत्व की ओर प्रेरित करने का महामन्त्र गायत्री मंत्र ही है, मनुष्य में देवत्व का उदय धरती पर स्वर्ग का अवतरण का आधार केवल गायत्री महामन्त्र है। सायं 4 बजे से दीप यज्ञ का कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमे 501 दीपों को प्रज्वलित कर वैदिक मंत्रों से सूक्ष्म आहुति प्रदान की गई।

जिसमे मुख्य अतिथि के रुप में डिप्टी डायरेक्टर श्रम एवं सेवायोजन गोरखपुर रास बिहारी चतुर्वेदी, पूर्व महापौर डॉ सत्या पाण्डेय, महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा पूज्य किनकेश्वरी नंद गिरी एवं समाज सेवी सुधा मोदी जी दीप प्रज्वलित कर दीप महायज्ञ का शुभारंभ किए।

कार्यक्रम में पर्यावरण से संरक्षण हेतु पौधों का वितरण होना है।

कार्यक्रम का संचालन एवं आभार मुख्य ट्रस्टी दीना नाथ सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आशीष पाण्डेय, राजेश श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, अनिल कुमार, कुंदन वर्मा पूरब, संजीव तिवारी, मनोज पाल, देवेंद्र पाण्डेय, राम लखन श्रीवास्तव, धीरेंद्र श्रीवास्तव, रितेश जायसवाल, संजय दुबे, विमल सिंह, अर्चना श्रीवास्तव, नामिता पाल, कमलेश सिंह, नीलम पाण्डेय, रंजना वर्मा, शोभना मद्देशिया, कलावती मौर्य, मीरा वर्मा, डॉ अनिता पाण्डेय सहित भारी संख्या में जन उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

   

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