अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिकॉर्ड ऊंचाई पर सोना, पहली बार 2,500 डॉलर के स्तर को किया पार

- अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से उछला सोना

नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। सोना पहली बार 2,500 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर को पार कर गया है। कीमत में हुई इस बढ़ोतरी के बाद सोने की तत्काल डिलीवरी का भाव 2500.16 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर पर पहुंच गया है।

माना जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों को लेकर होने वाले फैसले पर आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत निर्भर करेगी। अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को घटाने का फैसला लेता है, तो सोने की कीमत में और भी तेजी आ सकती है। दूसरी ओर अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने या इसमें कोई बदलाव नहीं होने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की चमक फीकी भी पड़ सकती है।

बुलियन मार्केट के एक्सपर्ट मयंक मोहन के मुताबिक आमतौर पर ब्याज दर में कटौती होने की संभावना बनने पर सोने की मांग में तेजी आ जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सोने के रिटर्न को पारंपरिक तौर पर ज्यादा बेहतर और सुरक्षित माना जाता है। निवेशक भी ब्याज दर घटने की स्थिति में अपना पैसा सोने जैसे सुरक्षित विकल्प में लगाना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसा होने पर सोने की मांग में तेजी आ जाती है, जिसकी वजह से उसकी कीमत में भी बढ़ोतरी होने लगती है।

अमेरिका में महंगाई दर में गिरावट आने के साथ ही अमेरिकी हाउसिंग सेक्टर को लेकर आए निराशाजनक रिपोर्ट की वजह से अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर इस बार ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव बढ़ गया है, ताकि अमेरिकी इकोनॉमी को सपोर्ट मिल सके। ब्याज दरों में होने वाली कटौती से बड़े निवेशक आमतौर पर अपने पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाना पसंद करते हैं।

उल्लेखनीय है कि इस साल अभी तक सोने की कीमत में 20 प्रतिशत से अधिक तेजी आ चुकी है। इस तेजी की सबसे बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में फैली अनिश्चितता और कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई सोने की खरीदारी को माना जा रहा है। ऐसे में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में आ रही इस तेजी को और बढ़ा सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आने वाली तेजी से निश्चित रूप से भारतीय सर्राफा बाजार में भी तेजी आने की उम्मीद बनेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक / पवन कुमार

   

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