कोलकाता में सोने के फर्जी आयात घोटाले का खुलासा, एलएमपीएल और चार अन्य के खिलाफ ईडी ने दाखिल की अभियोजन शिकायत
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- Jul 13, 2025

कोलकाता, 13 जुलाई (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोने के शुल्क मुक्त आयात के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कोलकाता की एक विशेष अदालत में लाइकेन मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड (एलएमपीएल) और चार अन्य के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की है। यह शिकायत मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दायर की गई है।
ईडी की जांच सीबीआई द्वारा पहले से दर्ज एक मामले के आधार पर शुरू हुई, जिसमें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए थे। केंद्रीय एजेंसी की ओर से शनिवार रात जारी बयान में बताया गया है कि जांच में पता चला है कि एलएमपीएल ने सरकारी कंपनी स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से दो हजार किलोग्राम सोने के आयात के नाम पर जालसाजी की।
ईडी के मुताबिक, एलएमपीएल की ओर से श्याम सुंदर केडिया ने जुलाई 2011 में एसटीसी के कोलकाता कार्यालय से ड्यूटी-फ्री सोना आयात करने की मंजूरी मांगी थी। यह प्रस्ताव विदेशी आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कभी स्वीकार नहीं किया गया था, लेकिन एसटीसी के स्थानीय अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर मामला रखने के लिए 2,000 किलोग्राम सोने के प्रस्ताव को दो हिस्सों में बांट दिया—1,000-1,000 किलोग्राम के दो अलग-अलग प्रस्ताव बनाए गए।
इस रणनीति के तहत, एसटीसी अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय स्टेट बैंक से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फॉरवर्ड एक्सचेंज कवर हासिल कर लिया। यह कवर रुपये-डॉलर की विनिमय दरों में संभावित उतार-चढ़ाव से सुरक्षा के लिए लिया गया था, जबकि हकीकत यह थी कि सोने का कोई आयात हुआ ही नहीं।
कुछ ही महीनों में एलएमपीएल और एसटीसी अधिकारियों ने यह कवर रद्द करवाकर कुल 31.93 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ हासिल किया। ईडी ने इस अवैध कमाई को मनी लॉन्ड्रिंग का स्पष्ट उदाहरण मानते हुए अगस्त 2024 में एलएमपीएल की 31.93 करोड़ रुपये मूल्य की चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था।
ईडी ने इस पूरे घोटाले को सुनियोजित आपराधिक साजिश बताते हुए कहा है कि सरकारी अधिकारियों के पद का दुरुपयोग करते हुए जनहित को नजरअंदाज कर निजी लाभ के लिए नियमों की खुली अवहेलना की गई। अधिकारियों के मुताबिक, मामले की गहन जांच जारी है और आगे और भी आरोपितों की भूमिका सामने आ सकती है।----
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर