फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को करें जागरूक : डीएम

गोपालगंज, 10 अप्रैल (हि.स.)। जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच की अध्यक्षता में फसल अवशेष नहीं जलाने से संबंधित अंतर्विभागीय कार्य समूह की बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की गयी।

समाहरणालय सभाकक्ष में हुए बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार सुमन ने डीएम को बताया कि फसलों के अवशेष को खेतों में नहीं जलाने तथा इससे होने वाले नुकसान को लेकर किसानों एवं आमजन को जागरूक किया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की बात की गयी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने फसल अवशेषों के प्रभावी प्रबंधन के लिए विचार-विमर्श कर, संबंधित योजनाओं पर चर्चा की।

डीएम ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न प्रदूषण और पर्यावरणीय दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने किसानों को जागरूक करने तथा फसल अवशेषों के निस्तारण हेतु प्रभावी उपाय लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। डीएम ने डीपीआरओ कार्यालय को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु होर्डिंग, फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने को कहा। पर्याप्त संख्या में पंपलेट छपवाकर शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी विद्यालयों में चेतना सत्र के दौरान जानकारी देकर विद्यार्थियों के बीच जागरूक करने को कहा।

स्कूलों में फसल अवशेष नहीं जलाने के विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला आदि कार्यक्रमों का आयोजन करने को कहा गया। फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है, जिसके कारण मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन जो पहले से ही हमारी मिट्टी में कम है और भी जल कर नष्ट हो जाता है। फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी का तापमान बढने के कारण मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु, केचुआ आदि मर जाते है। इनके मिट्टी में रहने से ही मिट्टी जीवन्त कहलाता है। अवशेषों को जलाने से हम मिट्टी को मरनासन्न अवस्था की ओर ले जा रहे हैं। अवशेष को जलाने से मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी हो जाती है। जिसके कारण उत्पादन घटता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra

   

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