जींद : अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण को अमलीजामा पहना भाजपा ने निभाया वादा : नायब सिंह सैनी
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- Nov 24, 2024
जींद, 24 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अनुसूचित जातियों में कुछ लोग अभी भी आरक्षण के लाभ से वंचित रह रहे थे। भाजपा उन्हें यह लाभ देकर समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान संकल्प लिया था। इसके साथ ही वर्गीकरण करने का वादा भी किया था। उन्हेें खुशी है कि हरियाणा प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनते ही इस वादे को अमलीजामा पहनाते हुए वर्गीकरण को अमलीजामा पहनाने का काम किया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार को एकलव्य स्टेडियम में महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
समारोह में मंत्री बेदी व विधायक कपूर सिंह ने पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। सीएम ने कहा कि सरकारी सेवाओं, सीधी भर्ती में आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे में से 10 प्रतिशत कोटा अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है। यदि वंचित अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार नही हैं तो शेष रिक्त पदों को अन्य अनूसचित जातियों के उम्मीदवारों से भरा जाएगा। यदि उनमें भी उपयुक्त नही हैं तो शेष फिर वंचित जातियों के उम्मीदवारों में ही विचार किया जाएगा। इससे पहले अनूसूचित जातियों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी में डेढ़ प्रतिशत आरक्षण दिया है।
प्रदेश में 50 प्रतिशत सफाई ठेके सफाई मित्रों व उनके समूहों को ही दिए जाएंगे। उससे बाहर नही जाएंगे। सफाई कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए हरयिाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का गठन भी किया है। सफाई कर्मियों का वेतन 16 से बढ़ा कर 26 से 27 हजार करने का संकल्प सरकार ने लिया है। यह भी निर्णय लिया है कि सफाईकर्मियों की डयूटी पर मृत्यु होने पर पांच लाख, सीवरेज में काम करते हुए दुर्घटना होने पर दस लाख बीमे का प्रावधान किया है। पांच हजार से अधिक एजेंसी कर्मियों को संबंधित पालिका के रोल पर लिया है। देश के किसी भी कालेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वालों अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृति सरकार देगी। सरकार हर गरीब के उत्थान के लिए काम कर रही है।
बीपीएल परिवारों को 500 रुपये का गैस सिलेंडर मिल रहा है। एक लाख से कम इंकम वाले 23 लाख परिवारों को एक हजार किलोमीटर एक साल में हरियाणा रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि महापुरूषों के जन्मदिवस को भाजपा ने प्रदेशस्तर पर मनाना शुरू किया। आचार संहिता के चलते भगवान वाल्मकि जन्मदिवस आया। मन में पीडा थी कि इसे राज्यस्तर पर नही बना पाए। फिर खुशी हुई कि जिस दिन शपथ ग्रहण समारोह था तो उस दिन भगवान वाल्मीकि आर्शीवाद मिल रहा था। उसी समय संकल्प लिया था कि भगवान वाल्मीकि के प्रकाश पर्व को भव्य तरीके से मनाएंगे। आज उस संकल्प को वो पूरा कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा