केंद्र सरकार ने हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली बसों और ट्रकों पर 5 पायलट परियोजनाएं शुरू कीं
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- Mar 03, 2025
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नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत बसों और ट्रकों में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए 5 पायलट परियोजनाओं की शुरुआत की हैं। देश में इसके तहत दस निर्धारित मार्गों पर बसों और ट्रकों सहित कुल 37 वाहनों का परीक्षण किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए 208 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, और इन्हें 18-24 महीनों के भीतर शुरू करने की योजना है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत हाइड्रोजन ईंधन आधारित वाहनों के परीक्षण के लिए पांच पायलट परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अन्य प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों को ये परियोजनाएं दी गई हैं। इस पहल में हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित और आंतरिक दहन इंजन वाहन, साथ ही हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों की स्थापना शामिल है।
इससे पहले नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस मिशन के तहत परिवहन क्षेत्र में पायलट परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके अनुसार विभिन्न प्रकार के हाइड्रोजन आधारित वाहनों, मार्गों और हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसकी विस्तृत जांच के बाद नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कुल 37 वाहनों (बसों और ट्रकों) और 9 हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों से युक्त पांच पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
मंत्रालय ने कहा कि ये परियोजना टाटा मोटर्स लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एनटीपीसी, एएनईआरटी, अशोक लीलैंड, एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल जैसी प्रमुख कंपनियों को दी गई हैं। सरकार चयनित परियोजनाओं के लिए करीब 208 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इन पायलट परियोजनाओं के अगले 18-24 महीनों में शुरू होने की संभावना है, जिससे देश में ऐसी प्रौद्योगिकियों के विस्तार का मार्ग प्रशस्त होगा।
मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण के लिए चुने जाने वाले वाहनों में 15 हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित वाहन और 22 हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन आधारित वाहन शामिल हैं। ये वाहन देशभर में 10 अलग-अलग मार्गों, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-कोणार्क- पुरी, अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत, साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली, पुणे-मुंबई, जमशेदपुर-कलिंग नगर, तिरुवनंतपुरम-कोच्चि, कोच्चि-एडापल्ली, जामनगर-अहमदाबाद और एनएच-16 विशाखापत्तनम–बय्यावरम पर चलेंगे।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 04 जनवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। यह मिशन स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से देश के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में योगदान देगा, जबकि वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रेरणा का काम करेगा। इस मिशन से जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता कम होगी। देश को हरित हाइड्रोजन में प्रौद्योगिकी और बाजार में अग्रणी भूमिका हासिल करने में मदद मिलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर