राज्यपाल ने कॉटन विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में लिया हिस्सा
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- Mar 05, 2025

गुवाहाटी, 05 मार्च (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि भारत एक परिवर्तनकारी यात्रा के दौर में है, जहां विद्यार्थियों को, जो राष्ट्र के अमृत संतान हैं, नवीनतम् ज्ञान, अत्याधुनिक तकनीक, शोध और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि देश को विकसित भारत में परिवर्तित करने में वे प्रमुख भूमिका निभा सकें।
राज्यपाल आज यहां कॉटन विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्रों से कहा कि अमृतकाल में उन्हें शोध और नवाचार से लैस होकर एक मजबूत सहभागी की भूमिका निभानी चाहिए, जिससे भारत वास्तविक रूप में विकसित राष्ट्र बन सके। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि विद्यार्थी अपनी संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को बनाए रखें और उन्हें संजोएं। साथ ही, आधुनिक तकनीक को अपनाकर राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में योगदान दें। राज्यपाल ने कहा, आने वाले समय में देश की जिम्मेदारी आपके कंधों पर होगी।
आचार्य ने असम के महान संत श्रीमंत शंकरदेव और श्री माधवदेव का उल्लेख करते हुए छात्रों से आह्वान किया कि वे इन महापुरुषों के जीवन मूल्यों से प्रेरणा लें और राज्य व राष्ट्र के लिए अद्वितीय कार्य करें। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने और एक भारत, श्रेष्ठ भारतऔर आत्मनिर्भर भारत तथा स्वस्थ भारत के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कॉटन विश्वविद्यालय सहित अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को शोध, नवाचार, कौशल विकास और रोजगारोन्मुख शिक्षा को प्राथमिकता देने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राज्यपाल ने कॉटन विश्वविद्यालय को हाल ही में नैक मूल्यांकन में 'ए' ग्रेड प्राप्त करने पर बधाई दी और विश्वविद्यालय की निरंतर उन्नति और बदलते अकादमिक परिवेश के साथ तालमेल बनाए रखने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय जलवायु विज्ञान, प्रदर्शन कला, और एनईटी-जेआरएफ जैसी परीक्षाओं के लिए कोचिंग कार्यक्रमों जैसे विषयों पर शोध-आधारित और कौशल-आधारित पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
आचार्य ने स्नातकों को प्रेम, करुणा, न्याय और निःस्वार्थ सेवा के मूल्यों को आत्मसात करने और असम एवं भारत का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी स्नातकों और उनके परिवारों को उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार कनक सेन डेका को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद डीलिट की उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में कुल 3,001 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें 86 पीएचडी विद्वान, 1,658 स्नातकोत्तर, 1,240 स्नातक और 17 डिप्लोमा धारक शामिल हैं। इसके अलावा, 128 छात्रों को उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र स्टेट स्किल्स यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. अपूर्वा पलकर, आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व निदेशक प्रो. गौतम बरुवा, कॉटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र डेका सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न अकादमिक एवं प्रशासनिक निकायों के प्रतिष्ठित सदस्य, डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश