दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुषों ने भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने का काम किया- घनश्याम तिवाड़ी

दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुषों ने भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने का काम किया- घनश्याम तिवाड़ी

अजमेर, 18 अक्टूबर(हि.स.)। राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कई देशों में जनसंख्या के समीकरणों के बदलाव के कारण वहां की संस्कृति ही नष्ट हो गई। भारत की संस्कृति मजबूती से आज भी खड़ी है क्योंकि स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुषों ने इसकी संस्कृति को जीवंत रखा।

घनश्याम तिवाड़ी शुक्रवार को अजमेर में स्वामी दयानंद सरस्वती की 200 वी जयंती पर आर्यसमाज परोपकारिणी सभा अजमेर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर शामिल हुए। तिवाड़ी ने कहा कि आज के समय में पुनः हमें स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों और उनके सिद्धांतों का अनुसरण करना जरूरी हो गया है।उन्हाेंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश के विभिन्न हिस्सों में जनसांख्यिकीय समीकरण बदला जो कि देश के लिए घातक साबित हुआ। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय बदलावों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि जितना नुकसान परमाणु बम से हो सकता है, उससे कहीं अधिक नुकसान जनसंख्या के समीकरण और अनुपात के बदलने पर होता है। इसीलिये हमें अपने घर वापसी को बढ़ावा देने के साथ ही घुसपैठ और धर्मांतरण को रोकना होगा। देश के विभाजन से पहले देश में 13 प्रतिशत अल्पसंख्यक तथा 87 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या थी, इसी आधार पर संविधान सभा के गठन के समय प्रतिनिधित्व भी मिला था। इसके बाद देश विभाजन फलस्वरूप पाकिस्तान, बांग्लादेश बने।

तिवाड़ी ने स्वामी दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम में स्वामी जी की प्रेरणा ने कई नेताओं को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ संगठित होकर लड़ने को प्रेरित किया। महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयंती के उद्धाटन सत्र में उपस्थित राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने इस अवसर पर कुछ खास घो​षणाएं की।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि लव कुश उद्यान से सुभाष उद्यान तक के मार्ग का नाम महर्षि दयानंद सरस्वती मार्ग रखा जाएगा।

के ई एम का नाम महर्षि दयानंद सरस्वती भवन होगा। सांसद एवं केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने ऋषि उद्यान में सेमिनार हॉल के लिए पच्चीस लाख देने की घोषणा की। यह राशि वे सांसद कोष से देंगे। ये भवन संस्कृत, वेद शास्त्रों के पठन पाठन और वैदिक अनुसंधान के काम आएगा। योग की यहां शिक्षा दी जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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