इबादत के साथ साथ ख़ुदा से अपने गुनाहों की मांफी मांगने का महीना है रमजान : सैयद हसन
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- Mar 01, 2025
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भागलपुर, 01 मार्च (हि.स.)। रमजान सिर्फ इबादत का नहीं, बल्कि ख़ुदा से अपने गुनाहों की मांफी मांगने का भी महीना है। यह बातें खानकाह पीर दमड़िया शाह भागलपुर के सज्जादानशी सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कही।
उन्होंने ने कहा कि आज से रमजान पाक का मुबारक महीना शुरू हो रहा है। यह महीना रहमतों मगफिरतों का और जहन्नम की आग से आजादी मिलने का महीना है। इस महीने में अल्लाह फर्ज का सवाब 70 गुना बढ़ा देते हैं और नफ़्ल इबादतों का सवाब फर्ज की तरह फरमा देते हैं। इस महीने में मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। यह महीना सब्र का और ग़म खारी का महीना है। अहले ईमान को चाहिए कि इस मुबारक महीने में ज्यादा से ज्यादा कुराने पाक की तिलावत नमाजों का एहतमाम तरावी का एहतमाम तहज्जुद का एहतमाम दुआ और इस्तगफार का एहतमाम दरूदे पाक की कसरत का एहतमाम करना चाहिए।
गुनाह के हर रास्ते को छोड़कर नेकियों के रास्ते पर चलने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। यह महीना रहमतों का है। जिसमें खुदा की रहमत बरसती है। इस महीने में भी अगर इंसान खुद की रहमत से महरूम रह जाए तो उससे बड़ा कोई महरूम नहीं होता है। अल्लाह ताला के रसूल हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जो लोग मां-बाप के ना फरमान होते हैं शराब पीने के आदी होते हैं और दिल में किनाह रखते हैं। ऐसे लोगों की बख्शीश और मगफिरत इस मुबारक महीने में भी नहीं होती। इसलिए हमें अपने आप का जायजा लेने की जरूरत है। अगर कहीं हमारे अंदर यह बुराइयां है तो खुदा की रहमत का महीना शुरू हो रहा है। हमें उसकी बारगाह में तौबा और इस्तगफार के साथ माफी मांगते हुए अपनी पिछली जिंदगी को बदलकर आइंदा जो जिंदगी हमारी बची है नेक बनकर और नेकियां में कमाने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। यही आज के रमजान का पैगाम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर