गुरुग्राम: राव बीरेंद्र की जयंती व राव इंद्रजीत का जन्मदिन मनाना भी रहा डा. इंद्रजीत की जीत का फैक्टर

राव बीरेंद्र सिंह के स्मारक पर रेवाड़ी में फूल चढ़ाने गई थी डा. इंद्रजीत

इन्हीं दोनों कार्यों को राव इंद्रजीत समर्थकों में मानी जा रही है सेंधमारी

गुरुग्राम, 12 मार्च (हि.स.)। मानेसर नगर निगम में मेयर की निर्दलीय प्रत्याशी डा. इंद्रजीत यादव की जीत के वैसे तो कई फैक्टर निकाले जा सकते हैं, लेकिन एक ऐसा फैक्टर जो उन्हें राजनीतिक मजबूती देता है वह फैक्टर रहा राव परिवार के प्रति सम्मान का भावना रखना।

मेयर पद पर निर्दलीय प्रत्याशी रहीं डा. इंद्रजीत यादव ने मजबूती से निगम का चुनाव लड़ा है। उन्होंने लंबे समय से इस चुनाव की तैयारी कर रखी थी और लगातार जनता के बीच रहीं। हर गांव, हर गली व हर मोहल्ले में उन्होंने पहुंच बनाई। भले ही उन पर गैंगस्टर जैसे आरोपों की बौछार हुई हो, लेकिन उन्होंने अपने बचाव के लिए एक बड़ी ढाल के रूप में राव परिवार के नाम का खुलकर इस्तेमाल किया। स्वतंत्रता सेनानी एवं हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय राव बीरेंद्र सिंह की प्रतिमा पर रेवाड़ी में डा. इंद्रजीत यादव फूल चढ़ाकर आईं। उन्होंने निकाय चुनाव के दौरान राव इंद्रजीत सिंह को अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से जन्मदिन की बधाई दी। यह एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से राव इंद्रजीत सिंह का आशीर्वाद प्राप्त करने जैसा रहा। इस तरह से डा. इंद्रजीतयादव राव इंद्रजीत सिंह के नाम से वाेटाें में सेंधमारी करने में कामयाब रही। खास बात यह रही कि निर्दलीय मेयर प्रत्याशी डा. इंद्रजीत यादव द्वारा जयंती व जन्मदिन मनाने काे लेकर दोनों बार रामपुरा हाउस या केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की ओर से कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं रहीं कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का डा. इंद्रजीत यादव को आशीर्वाद प्राप्त है।एक तरह से वे पूरे चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह के नाम को भुनाती रहीं। चुनाव के अंतिम समय में एक वीडियो जरूर राव इंद्रजीत सिंह की ओर से जारी हुआ, जिसमें उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुंदर लाल को वोट देने की अपील की। हालांकि उस वीडियो की सत्यता भी सवालों के घेरे में रही। उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाकर प्रसारित करने जैसी बातें हुई। आखिरकार हर पैंतरेबाजी को अपनाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी डा. इंद्रजीत यादव मानेसर नगर निगम की पहली मेयर बन ही गई। महिलाओं की टोली को वे सदा साथ लेकर चली। पूरी तरह से समर्पित कार्यकर्ता की तरह महिलाओं ने उनका साथ दिया।

चुनाव प्रचार के दाैरान भाजपा प्रत्याशी को तब उन्होंने जोर का झटका दिया, जब उनके पैतृक गांव सिकंदरपुर-बढ़ा में ही ग्रामीणों से भारी भरकम सोने के मुकुट से सम्मान करवाया। उपहार स्वरूप एक महंगी गाड़ी भी सिकंदरपुर के ग्रामीणों द्वारा दिए जाने की बात उन्होंने कही। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी सरपंच सुंदर लाल यादव के समर्थन में गांव के मौजिज व्यक्तियों ने आगे आकर बयान दिया कि गांव की तरफ से ऐसा कुछ नहीं किया गया। हालांकि सरपंच सुुंदर लाल को समर्थन देने वालों में वे लोग भी शामिल थे, जो कि निर्दलीय प्रत्याशी डा. इंद्रजीत यादव के उस कार्यक्रम में भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

   

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