गुरुग्राम: कलाकारों को पेंशन देना सराहनीय, बाकी मांगों पर भी विचार करे सरकार: त्रिखा
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- May 08, 2025

-बुढ़ापे में कलाकारों के जीवन स्तर में आएगा बदलाव
गुरुग्राम, 8 मई (हि.स.)। नगर निगम के पूर्व सांस्कृतिक सलाहकार एवं मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर कुरुक्षेत्र के पूर्व उप-निदेशक एवं प्रभारी विश्व दीपक त्रिखा ने कलाकारों की पेंशन योजना को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से हरियाणा के उन कलाकारों का जीवन बदलेगा, जो बुढ़ापे के कारण काम करने में असमर्थ हैं।
विश्व दीपक त्रिखा ने इस निर्णय का स्वागत करने के साथ-साथ हरियाणा के कलाकारों की अन्य मांगों पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार करने का सरकार से आग्रह किया है।
विश्व दीपक त्रिखा ने बताया कि हरियाणा सरकार के इस निर्णय से हरियाणा सारे देश में ससे पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने कलाकारों के हित के बारे में सोचा। सारे देश में कोई भी ऐस राज्य नहीं है जो वरिष्ठ कलाकारों को किसी भी तरह की पेंशन देता हो। इसका उद्देश्य सभी विधाओं के वरिष्ठ कलाकारों की वित्तीय और सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस योजना के अनुसार जिन कलाकारों ने अपने सक्रिय जीवन के दौरान कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है या जो अभी भी इस क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं, लेकिन वृद्धावस्था के कारण अब सक्रिय रूप से अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें इस योजना का लाभ पहुंचना है। इस योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर के कलाकारों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता के रूप में 10000 रुपये और 7000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
पेंशन को इनकम से ना जोडऩे की भी अपील
कलाकार वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से इस पेंशन को इनकम से ना जोडऩे की गुजारिश भी की है। क्योंकि बीपीएल की भी लिमिट इससे अधिक है।
साथ ही कहा है कि वर्ष 2013 से कलाकारों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत नहीं किया जा रहा है, इसे भी जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जाए। जिला स्तर पर जितने भी मुक्ताकाशी रंगमंच हैं, वे सभी भी सांस्कृतिक विभाग को सौंप दिए जाएं। त्रिखा ने कहा कि जिस तरह खेल विभाग में प्रैक्टिस करने की सुविधा सभी बच्चों को फ्री में सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है, उसी तरह से कलाकारों को भी ये सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की तर्ज पर स्टेट रेपर्टरी का भी गठन किया जाए। हरियाणा कला परिषद को बंद करके उसको हरियाणा संगीत नाटक एकेडमी में परिवर्तित किया जाए, जिस से हमारे राज्य के कलाकारों को भी सभी राज्यों की तरह अकादमी अवाड्र्स मिलने का मौका मिले।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर