
गुवाहाटी, 13 मार्च (हि.स.)। असम के प्रमुख शहरों के विकास के पहलों के तहत गुवाहाटी में पहली बार समर्पित सीवेज सिस्टम स्थापित किया जाएगा। राज्य के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति सुधार और सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर को लक्षित करते हुए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की है।
गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कृत्रिम बाढ़ से निपटने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में नाले की सफाई के लिए सुपर सकर मशीनें लगाई जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन प्रयासों की देखरेख के लिए निगरानी समितियां बनाई गई हैं और ठेकेदारों से सख्त मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए इस दिशा में दिसंबर तक लगातार काम करने की उम्मीद है।
सरकार की दीर्घकालिक बाढ़ शमन रणनीति में सिलसाकों झील को ब्रह्मपुत्र नद से जुड़े जलाशय में विस्तारित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, जलभराव को रोकने के लिए खानापाड़ा-कोइनाधारा में एक बड़ी जल निकासी परियोजना विकसित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) जुलाई में जल आपूर्ति परिचालन बंद कर देगा, और जेआईसीए-सहायता प्राप्त परियोजना के तहत गुवाहाटी जल बोर्ड को जिम्मेदारियां सौंप देगा। इस अवधि के दौरान नई प्रणाली में जाने वाले निवासियों को निःशुल्क सेवा मिलेगी, जबकि राशन कार्ड धारकों को उनके जल शुल्क में पूरी छूट मिलेगी।
बेहतर स्वच्छता के लिए, गुवाहाटी में जल्द ही एक सीवेज प्रणाली तैयार की जाएगी, जो सेप्टिक टैंकों पर वर्तमान निर्भरता को बदल देगी। पहला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मेघदूत सिनेमा के पास स्थापित किया जाएगा, साथ ही बोरागांव, पामोही और सिलासाकों में और अधिक सुविधाओं वाली योजना बनाई गई है। पांच साल में पूरा होने वाली इस परियोजना का उद्देश्य खुले नाले वाले शौचालय कनेक्शन से होने वाले प्रदूषण को रोकना है।
मंत्री बरुवा ने इस बात पर जोर दिया कि ये सुधार गुवाहाटी को एक स्वच्छ, बाढ़-रोधी और टिकाऊ शहर में बदलने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश