हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान व रंगमंडल द्वारा प्रेम के फ्रेम में नाटक का मंचन

मंडी, 26 दिसंबर (हि.स.)। नव वर्ष की मंगलमय कामनाओं के साथ हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान व रंगमंडल द्वारा सतोहल नाटय प्रेक्षागृह में कहानियों की प्रस्तुति प्रेम के फ्रेम में मंचित की गई। इन कहानियों में प्रेमियों की स्वर्ग से वापसी की इच्छा और हास्य व्यंग्य का चुटीला अंदाज दिखा। प्रेम पर बंधनों और मरकर स्वर्ग चले गए प्रेमियों की पृथ्वी लोक पर वापसी की इच्छा पर रचे नाट्य प्रयोग प्रेम के फ्रेम में को हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान एवं रंगमंडल द्वारा मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया। यह नाटक हरिशंकर परसाई की व्यंग्य कहानी प्रेमियों की वापसी और ध्वनि रूपक प्रेम विशेषज्ञ पर आधारित है। जिसका निर्देशन प्रवीण शेखर ने किया। हरिशंकर परसाई की दोनों रचनाओं को कलाकारों ने रुचिकर तरीके जोडक़र और इंप्रोवाइज कर नाट्य विन्यास तैयार किया गया।

कथा में दिखाया गया कि प्रेम विशेषज्ञ डॉक्टर के पास प्रेम की समस्याओं का समाधान पाने अलग-अलग प्रकार के रोगी आते हैं। बाद में सभी का समाधान कुछ ऐसे मिलता है कि हास्य की स्थितियां उत्पन्न होती हैं और और रोचक दृश्य दर्शकों को गुदगुदा जाते हैं। बाद में स्थितियां ऐसी बनती हैं एक महिला रोगी को डॉक्टर से ही प्रेम हो जाता है लेकिन अंतत उन्हें स्वर्ग जाना पड़ता है।

दूसरी कहानी प्रेमियों की वापसी के पात्र प्रेमेंद्र और रंजना आत्महत्या कर स्वर्ग पहुंचते हैं लेकिन उन्हें तब घोर निराशा मिलती है जब वह देखते हैं कि पृथ्वी लोक से गए उनके परिचित, रिश्तेदार सब अपने पुराने चरित्र में वहां भी विचरण कर रहे हैं। दोनों हार कर विधाता से पृथ्वी वापस जाने की प्रार्थना करते हैं लेकिन विधाता यह कहकर मना कर देते हैं कि जिस प्रेम के कारण उन्हें पृथ्वी पर जीना चाहिए थाए उसी के कारण वह लोग आत्महत्या कर यहां आए हैं। अत: उनकी वापसी मनुष्य रूप में संभव नहीं है। वह चाहें तो किसी और जीवधारी के रूप में पृथ्वी पर वापस जा सकते हैं। प्रेमेंद्र और रंजना में इस बात को लेकर बहस होती है कि आखिर वह कौन सा जीव बनकर पृथ्वी पर वापस आएं और फिर से प्रेम करें। नाटक में सृष्टि, निभा, कर्णए जावेद, विक्रांत, प्रहलाद, सचिन, आकाश, पुष्कर आदि ने प्रभावी अभिनय किया।

इस अवसर पर संस्थान की सचिव सीमा शर्मा ने कहा की इस प्रस्तुति को इन कलाकारों ने सघन प्रशिक्षण के साथ तैयार किया है। प्रसिद्ध नाट्यकर्मी और संगीत नाटक अकादमी अवॉर्डी प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने प्रवीण शेखर को हिमाचली पारंपरिक टोपी और अंगवस्त्र से साथ सम्मानित किया। सतोहल नाट्य प्रेक्षागृह में 27 दिसंबर को विजय तेंदुलकर लिखित चर्चित नाटक खामोश... अदालत जारी है का मंचन प्रोफेसर सुरेश शर्मा के निर्देशन में किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

   

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