हिमाचल में भूस्खलन से 71 सड़कें बंद, सात जिलों में बाढ़ की चेतावनी

शिमला, 26 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में बीती रात से हो रही भारी वर्षा का जनजीवन पर खासा असर पड़ा है। कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर ट्रांसफार्मरों के खराब होने से इलाकों में ब्लैक आउट है। मंडी जिला के विभिन्न उपमण्डलों में बीती रात से ब्लैकआउट है। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में मूसलाधार वर्षा ने कहर बरपाया है और कुछ सड़कें टूट गई हैं। मौसम विभाग ने सात जिलों सिरमौर, कांगड़ा, चम्बा, सोलन, कुल्लू, शिमला और मंडी में बाढ़ की चेतावनी दी है। इन जिलों में शुक्रवार सुबह 5:30 बजे तक बाढ़ आने का खतरा जताते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार गुरुवार सुबह तक राज्य भर में एक नेशनल हाइवे और 71 सड़कें भूस्खलन से बंद रहीं। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित सिरमौर जिला में सतोन के पास नेशनल हाइवे-707 अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा जिला में 26 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही थमी है। कुछ सड़कें क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। मंडी में 24, हमीरपुर में 10, शिमला में नौ और कुल्लू में दो सड़कें बंद हैं। मंडी जिला में बीती रात जोरदार वर्षा के साथ आसमानी बिजली भी खूब चमकी। इससे 374 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। इनमें धर्मपुर उमण्डल में 137, मंडी उमण्डल में 120, सुंदरनगर में 88, सरकाघाट में 25 और जोगिन्दरनगर में चार ट्रांसफार्मर बंद होने से बिजली गुल है। कुल्लू जिला में 73 और चम्बा जिला में 22 ट्रांसफार्मर ठप हैं।

सिरमौर में सबसे ज्यादा बरसे बादल

मौसम विभाग के अनुसार बुधवार शाम से गुरुवार सुबह तक सिरमौर जिला के धौलाकुआं में सर्वाधिक 275 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई। इसके अलावा पांवटा साहिब में 165, मंडी जिला के गुलेर में 134, कांगड़ा के नगरोटा सुर्रियाँ में 125, सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में 94, मंडी के जोगिन्दरनगर में 90, घुमरूर में 82 और बैजनाथ में 75 मिमी वर्षा हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने ताजा पूर्वानुमान में आज मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, वहीं अगले 24 घण्टे यानी 27 सितंबर को गरज-चमक के साथ येलो अलर्ट रहेगा। इसके साथ ही सात जिलों में बाढ़ की चेतावनी भी जारी की है। 28 व 29 सितंबर को भी मौसम खराब रहेगा, जबकि 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक मौसम के पूरी तरह साफ रहने की संभावना जताई गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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