राजौरी में अज्ञात बीमारी से 17 लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं की गईं मजबूत
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- Jan 24, 2025
राजौरी, 24 जनवरी (हि.स.)। कोटरंका सब डिवीजन के बडाल गांव में एक अज्ञात बीमारी से 17 लोगों की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर में राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) को मजबूत किया जा रहा है।
स्थिति से निपटने के लिए सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी राजौरी को पांच बाल रोग विशेषज्ञ और पांच एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध कराए हैं। जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने पुष्टि की कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की उन्नत तकनीक मौजूद हैं।
उन्हाेंने कहा कि हमें ( बडाल गांव के) निकासी के दौरान कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ा। मैंने सचिव स्वास्थ्य से अनुरोध किया और आधे घंटे के भीतर उन्होंने जीएमसी प्रिंसिपल को 5 एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और 5 बाल रोग विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति करने का आदेश पारित करने के लिए कहा। वे हमारे मौजूदा जनशक्ति को मजबूत करेंगे हम 7 दिसंबर से 40 दिनों से इस संकट का सामना कर रहे हैं । इसके अलावा अस्पताल में उन्नत देखभाल वाली एंबुलेंस तैयार हैं। वर्तमान में बडाल गांव के छह मरीज जीएमसी अस्पताल राजौरी में उपचाराधीन हैं और ठीक हो रहे हैं।
उन्हाेंने कहा कि पूरे बडाल क्षेत्र को एक नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है और बडाल के विधायक जावेद इकबाल ने केंद्र सरकार से किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराने की अपील की है ताकि मरीजों को एयरलिफ्ट किया जा सके।
बडाल गांव में अज्ञात बीमारी में बुखार, पसीना आना, उल्टी निर्जलीकरण और बेहोशी जैसे लक्षण हैं। प्रारंभिक जांच के बावजूद कोई जीवाणु या वायरल संक्रमण नहीं पाया गया है। रहस्यमयी बीमारियों और रोगों जो अभी भी प्रशासन के लिए अज्ञात हैं ने सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है जो स्थिति को संभालने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
बडाल के विधायक जावेद इकबाल ने कहा कि मैंने बच्चों को अपने सामने तड़पते हुए मरते देखा मैं सरकार से जम्मू या राजौरी में एयर एंबुलेंस तैनात करने की अपील करता हूं ताकि गंभीर रोगियों को उन्नत उपचार के लिए एयरलिफ्ट किया जा सके। बीमारी के फैलने की स्थिति में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली में भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
जीएमसी राजौरी को भी मजबूत किया जाना चाहिए और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए यहां अधिक कर्मचारियों को भेजा जाना चाहिए कल मरीजों को यहां से जम्मू ले जाया गया। लेकिन मदद के अभाव में उन्हें पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ नहीं भेजा जा सका और इसके बजाय उनका इलाज एसएमजीएस अस्पताल और जीएमसी जम्मू में किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता