
धमतरी, 22 अप्रैल (हि.स.)।इन दिनों पड़ रही तेज चिलचिलाती ने लोगाें को परेशान कर रखा है। दिनों दिन तापमान में लगातार बढ़ोतरी होने से लोग हलकान हैं। मंगलवार को तापमान 42 डिग्री पहुंच गया। सुबह सात बजे से ही सूर्य की तेज किरणें पड़ने लगी हैं। दोपहर 12 बजे के बाद सड़कें सूनी होती जा रही है। जरूरी काम वाले लोग अपने चेहरे पर स्कार्फ बांधकर निकल रहे हैं।
गर्मी के चलते लोगों की दिनचर्या बदल गई है। लोग सुबह-सुबह काम निबटाने लगे हैं। घरों में पंखे कूलर चलने के बाद राहत नहीं मिल पा रही है। गर्मी को देखते हुए पंखे, कूलर और एसी की डिमांड बढ़ गई है। इलेक्ट्रानिक दुकानों में पंख बनवाने वाले ग्राहक ज्यादा पहुंच रहे हैं, तो खरीदने वाले भी पहुंच रहे हैं। शादी का सीजन चल रहा है। दूसरी ओर नींबू की मांग भी बढ़ गई है। पसरा बाजार में एक नींबू 10 तक में बिक रहा है।
तेज चिलचिलाती गर्मी में स्कूल जाना किसी सजा से काम नहीं है। स्कूल छूटने के समय स्वजन अपने बच्चों को ले जाने काफी जतन करते नजर आते हैं। स्कार्फ, टोपी व अन्य कपड़ों से ढंककर बच्चों को ले जाते हैं स्कूल से घर का सब सफर कष्टप्रद हो जाता है। तेज गर्म से बचने का कितना भी प्रयास करें, इसके बावजूद बच्चों की कोमल त्वचा तेज धूप से झुलसकर लाल हो जाती है। मंगलवार को शहर के अधिकांश स्कूल में अन्य दिनों की तरह एक-सा नजारा देखने को मिला। काफी जतन करते हुए स्वजन अपने बच्चों को घर ले गए।
स्कूलों में गर्मी की छुट्टी का आदेश जारी कर दिया है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी सिंह द्वारा जारी आदेश में ग्रीष्मकालीन यह अवकाश 25 अप्रैल से 15 जून तक रहेगा। आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी व लू के कारण छात्रों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए शासन द्वारा शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त, अशासकीय शालाओं के लिए घोषित ग्रीष्मकालीन अवकाश में आंशिक संशोधन करते हुए 25 अप्रैल से 15 जून तक तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया जा रहा है। शैक्षणिक कैलेंडर में यह अवकाश पहले एक मई से दिया जाना प्रस्तावित था।
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा राजेश सूर्यवंशी का कहना है कि तेज में धूप घर से न निकलें। आवश्यकक काम होने पर सिर में टोपी, गमच्छा, काला चश्मा पहनकर ही निकलें। समय-समय पर पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे। रसीले फल खाते रहें। बच्चों को धूप में ले जाने से बचें। तेज धूप में खुल में निकलने से सन बर्न की समस्या बनी रहती है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा