विभाजन विभीषिका भारतीय इतिहास का काला दिवस था : राकेश त्रिपाठी

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अमेठी, 14 अगस्त (हि.स.)। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर बुधवार काे भाजपा जिला इकाई ने गौरीगंज स्थित मनीषी महिला महाविद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगाेष्ठी में मुख्य वक्ता भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी रहे। संगोष्ठी भाजपा जिलाध्यक्ष रामप्रसाद मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्य वक्ता ने संगाेष्ठी काे संबोधित करते हुए राकेश त्रिपाठी ने कहा कि 14 अगस्त सन 1947 को विभाजन विभीषिका पूरे देश का काला दिवस अध्याय था, जो देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

उन्हाेंने भारत के इतिहास में यह एक ऐसा दुर दुर्भाग्यशाली दिन था जिस दिन भारत के भूगोल समाज संस्कृति सभी का बंटवारा हो गया। अखंड भारत के आजादी के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख को आंसुओं से लिखकर रक्तरंजित कर दी गई थी और देश का विभाजन हो गया। भारत के विभाजन की पीड़ा को भुलाया नहीं जा सकता है। यह दिन भारत के लोगों के लिए संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है। हर भारतीय को इस दिन याद रखना चाहिए। विभाजन का दर्द और उस दौरान हुई हिंसा देश की स्थिति में आज भी गहराई से अंकित है। हम भारतीयों को इस दिन को याद रखने की जरूरत है। क्योंकि हमारी लाखों बहनें और भाई विस्थापित हो गए थे। कई लोगों ने बेवजह नफरत के कारण अपनी जान गवां दी थी। उन्हें विभाजन के दौरान यातनापूर्ण व्यवहार और हिंसा का सामना करना पड़ा था। लाहौर से पठानकोट से बंगाल से लाखों संपन्न परिवार शरणार्थी के रूप में इस खंड भारत के अंदर धीरे-धीरे आगे बढ़ते जा रहे थे। उन्हें अपने प्राण का भय था। जीवन भर कमाई और चल अचल संपत्ति को पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान में छोड़कर भागने की पीड़ा थी। भारत के शरणार्थी बनने की विफलता थी। वह प्यास थके हुए शरीर, बीवी-बच्चों के भीषण कष्ट सहन करने की थी।

उधर, दिल्ली में राजनीति से जारी थी। दिल्ली के मंदिर मार्ग पर हो रही सभा में बंगाल से आए न्यायमूर्ति निर्मल चंद्र चटर्जी ने कहा था कि 3 जून को ब्रिटिश सरकार द्वारा दिया गया विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार कर कांग्रेस ने बहुत बड़ी गलती की है। वरन करोड़ों भारतीयों की पीठ में छुरा भी घोंपा है। भारत का विभाजन स्वीकार करने का अर्थ यह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग और गुंडागर्दी के सामने पराजय स्वीकार कर ली है। पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा विभाजन स्वीकार करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखों लोग मारे गए डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए एक लाख से अधिक महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ।

संगोष्ठी को बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह चौहान ने भी सम्बोधित किया। प्रवक्ता चन्द्रमौलि सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि संगोष्ठी के पश्चात प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी एवं जिलाध्यक्ष राम प्रसाद मिश्र के नेतृत्व में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के बैनर के साथ सभी पदाधिकारी एवं उपस्थित महानुभाव ने तिरंगा झंडा के साथ मनीषी महिला महाविद्यालय से गौरीगंज के फलमंडी तिराहा तक मौन जुलूस निकला गया। इस अवसर पर सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / Lokesh Kumar / मोहित वर्मा

   

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