देश में पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या 10 साल में 10 लाख होने की उम्मीद: गोयल
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- Feb 11, 2025
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नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि देश में उभरते उद्यमियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों से अगले 10 साल में पंजीकृत सरकारी स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 10 लाख होने की उम्मीद है। फिलहाल 2016 में 450 की तुलना में 1.57 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं।
केंद्रीय मंत्री ने यहां आयोजित भारत-इजराइल बिजनेस फोरम मीट को संबोधित करते हुए यह बात कही। गोयल ने कहा कि हम अब दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं, जो 450 पंजीकृत स्टार्टअप से बढ़कर आज नौ साल में 1.57 लाख हो गए हैं। अगले 10 सालों में हम इसे दस लाख तक ले जाने की उम्मीद करते हैं। यहां कंपनियों के लिए बड़े कारोबारी अवसर मौजूद हैं।
गोयल ने कहा कि इजराइल के अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री नीर एम. बरकत के साथ ‘भारत-इजराइल व्यापार मंच’ को संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की उल्लेखनीय विकास यात्रा और आर्थिक वृद्धि, भारत-इजराइल के बीच स्थायी रणनीतिक साझेदारी और दोनों देश कृषि-तकनीक, वित्त और उभरती हुई प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ कैसे उठा सकते हैं। उन्होंने ‘भारत के अवसर’ पर प्रकाश डाला, जिसमें सहयोग, नवाचार और निवेश की अपार संभावनाएं हैं और दोनों देशों के व्यवसाय एक साथ कैसे बढ़ सकते हैं और आपसी प्रगति में योगदान दे सकते हैं।
दरअसल देश में एक मजबूत परिवेश बनाने के इरादे से 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की गई थी। अभी 1.57 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं, जबकि 2016 में इनकी संख्या 450 थी। इस पहल के तहत सरकार ने अपनी प्रमुख योजनाओं फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में पात्र मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को उनके व्यापार चक्र के विभिन्न चरणों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की है।
इजराइल के अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री नीर एम. बरकत के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय इजरायली व्यापार प्रतिनिधिमंडल, भारत-इज़राइल व्यापार मंच और भारत-इजराइल सीईओ मंच की बैठकों के लिए यहां आया हुआ है। दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को और बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। वे आर्थिक सहयोग, प्रौद्योगिकी सहयोग और निवेश के अवसरों के नए रास्ते तलाश रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में इजरायली उद्यम एवं प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, कृषि प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा, आंतरिक सुरक्षा, जल प्रबंधन, रसद और खुदरा जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 6.53 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 10.77 अरब अमेरिकी डॉलर था। भारत को अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के दौरान इजरायल से 32.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर