हिमाचल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक होने के 18 घंटे बाद बहाल, पाक हैकरों पर शक

शिमला, 08 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की आधिकारिक वेबसाइट सोमवार शाम को हुए साइबर हमले के करीब 18 घंटे बाद मंगलवार को बहाल कर दी गई है। वेबसाइट को हैक किए जाने की इस घटना ने विवि की तकनीकी सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रारंभिक संकेतों के अनुसार इस हैकिंग के पीछे पाकिस्तानी हैकरों का हाथ बताया जा रहा है।

सोमवार शाम चार बजे जैसे ही छात्र और कर्मचारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट hpuniv.ac.in पर पहुंचे, उन्हें पाकिस्तान के समर्थन और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां और तस्वीरें दिखाई दीं। इस आपत्तिजनक साइबर गतिविधि की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और तत्काल वेबसाइट को मेंटेनेंस मोड में डाल दिया गया।

विश्वविद्यालय के वेबसाइट इंचार्ज शशि डोगरा के अनुसार हैकर्स ने वेबसाइट के यूआरएल के साथ छेड़छाड़ की जिससे उपयोगकर्ता असली वेबसाइट के बजाय हैकर द्वारा बनाए गए पेज पर पहुंच रहे थे। यह घटना उन शृंखलाबद्ध साइबर हमलों का हिस्सा मानी जा रही है जो हाल के दिनों में देशभर के शिक्षण संस्थानों पर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइट को अब ठीक कर लिया गया है और यह सुचारू रूप से कार्य कर रही है। छेड़छाड़ की जांच की जा रही है कि आखिर सुरक्षा प्रणाली में चूक कहां हुई।

वहीं, एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने बताया कि इस हैकिंग मामले की शिकायत साइबर पुलिस को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि इस घटना से विवि की छवि और छात्रों के विश्वास पर असर पड़ सकता है, इसलिए पूरी गंभीरता के साथ जांच करवाई जा रही है ताकि दोषी तत्वों को पकड़ा जा सके।

साइबर क्राइम शाखा के डीआईजी मोहित चावला ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष साइबर कमांडो टीम गठित कर दी गई है। यह टीम विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम के साथ मिलकर सभी डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा कर रही है और वेबसाइट पर हुई सेंध की तकनीकी जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी दिन-ब-दिन अधिक शातिर हो रहे हैं और अब सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों की वेबसाइटों को भी अपना निशाना बना रहे हैं।

डीआईजी चावला ने सभी संस्थानों को आगाह किया कि वे अपनी वेबसाइटों की सुरक्षा जांच नियमित रूप से करवाएं और साइबर हमलों से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था बनाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी वेबसाइटों को हैक कर न केवल संवेदनशील डाटा चुराया जा सकता है, बल्कि यह संस्थानों की साख को भी चोट पहुंचाता है। इसलिए अब समय है कि सभी संस्थान साइबर सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाएं।

गौरतलब है कि एचपीयू की वेबसाइट के माध्यम से विश्वविद्यालय परीक्षाओं के नतीजे, प्रवेश, शुल्क भुगतान सहित अन्य जरूरी सेवाएं ऑनलाइन संचालित होती हैं। ऐसे में वेबसाइट का बंद रहना हजारों छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया था। फिलहाल अब वेबसाइट सामान्य रूप से कार्य कर रही है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

सम्बंधित खबर