हिमाचल बजट 2025-26: मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- हर वर्ग का रखा ख्याल, विपक्ष ने बताया दिशाहीन

शिमला, 17 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 58,514 करोड़ रुपये के बजट में सरकार ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, प्राकृतिक खेती, पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। हालांकि विपक्ष ने इसे निराशाजनक करार दिया और इसे हिमाचल के इतिहास का सबसे कम ग्रोथ वाला बजट बताया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट पेश करने के बाद कहा कि उनकी सरकार हर वर्ग का ध्यान रख रही है। आम आदमी के जीवन में बदलाव लाने और आर्थिक मजबूती के लिए योजनाएं तैयार की गई हैं। पशुपालकों और किसानों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं। हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 90 रुपये प्रति किलो तय किया गया है। बागवानों को भी राहत देने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा हुई है।

सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी गंभीर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की 67 फीसदी भूमि वन क्षेत्र के अंतर्गत आती है और इसे संरक्षित करने के लिए बजट में जरूरी प्रावधान किए गए हैं। डेयरी उद्योग और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी नई योजनाओं पर काम होगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हम हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए पहले दिन से प्रयासरत हैं। यह बजट किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, जिससे प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया और इसे प्रदेश के बदलाव का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कुछ नई पहल की गई हैं, जिनका उद्देश्य आम जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देना है।

जयराम ठाकुर बोले- बजट दिशाहीन, केंद्र की योजनाओं के बदले नाम

विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने बजट को पूरी तरह निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में मात्र 71 करोड़ रुपये की मामूली ग्रोथ हुई है, जिससे विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती। ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार के इस बजट में विकास कार्यों पर सिर्फ 24।फीसदी खर्च किया जाएगा, जो हिमाचल के इतिहास में सबसे कम है।

उन्होंने सरकार के 'ग्रीन हिमाचल' अभियान को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि इसका जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं दिख रहा है। जयराम ठाकुर ने दावा किया कि केंद्र सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर मुख्यमंत्री अपनी योजनाओं के रूप में पेश कर रहे हैं, लेकिन बजट में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। तीन बजट पेश हो चुके हैं, लेकिन अभी तक रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू नहीं की गई। उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि बजट वाले दिन तो वह ऑल्टो कार में विधानसभा आते हैं, लेकिन बाकी दिनों में विधायकों और निगम बोर्ड अध्यक्षों को पायलट गाड़ियां दी जा रही हैं। उन्होंने इसे 'बंडल ऑफ कन्फ्यूजन' करार दिया और कहा कि यह बजट सारे वर्गों को निराश करने वाला है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

सम्बंधित खबर