हिमाचल विश्वविद्यालय में ऑनलाइन फीस बढ़ोतरी की तैयारी, निजी कॉलेजों की एफिलिएशन फीस भी बढ़ेगी

शिमला, 23 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) आने वाले दिनों में फीस बढ़ोतरी की नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। अब छात्रों को सीधे ट्यूशन फीस बढ़ाकर नहीं बल्कि विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। विवि प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि छात्रों द्वारा ऑनलाइन आवेदन या फॉर्म भरने पर अलग-अलग चार्ज वसूला जाएगा। वहीं निजी कॉलेजों से ली जाने वाली एफिलिएशन फीस में भी इजाफा करने की तैयारी की जा रही है।

रविवार को शिमला में आयोजित पत्रकारवार्ता में एचपीयू के कार्यकारी कुलपति (वीसी) प्रो. एसपी बंसल ने अपने तीन साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि विवि की रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है ताकि सरकार पर आर्थिक निर्भरता कम हो। इसके लिए विवि अपने स्तर पर फंड जुटाने के विभिन्न तरीके अपना रहा है। प्रो. बंसल ने आश्वासन दिया कि फीस बढ़ोतरी के बदले छात्रों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। इनमें विश्वविद्यालय की स्वयं की बसें खरीदने की योजना भी शामिल है।

यूआईटी में एमटेक शुरू, बीएड कोर्स अब चार साल का

प्रो. बंसल ने जानकारी दी कि विवि के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) में अब बीटेक के साथ एमटेक की भी शुरुआत होगी। साथ ही पीएचडी में भी नामांकन (एनरोलमेंट) किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीएड कोर्स को चार साल का करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत लागू किया जा रहा है।

इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने विश्वविद्यालय के आवेदन को मंजूरी दे दी है। अब एनसीटीई की टीम विवि द्वारा उपलब्ध कराई गई आधारभूत संरचना और अन्य दस्तावेजों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन करेगी। इसके बाद विश्वविद्यालय को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया जाएगा, जिससे बीएड का चार वर्षीय कोर्स शुरू हो सकेगा। विवि प्रशासन ने पहले चरण में 250 सीटों (पांच यूनिट) के साथ इस कोर्स को संचालित करने की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि एचपीयू में जल्द ही स्पोर्ट्स एकेडमी स्थापित की जाएगी। इसके लिए विवि प्रशासन सरकार से सहयोग की उम्मीद कर रहा है।

कार्यकारी वीसी ने फिर मांगा कार्यमुक्ति का अनुरोध

कार्यकारी वीसी प्रो. एसपी बंसल ने एक बार फिर सरकार से स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें पदमुक्त करने का अनुरोध किया है। इससे पहले भी वे पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का पद भी संभाल रहे हैं और वर्तमान परिस्थितियों में उनकी सेहत उन्हें एचपीयू में काम करने की अनुमति नहीं दे रही। उन्होंने जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मुलाकात करने की बात भी कही।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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