सोनीपत: दुनिया के रंग मंच पर इंसान अपना किरदार निभाते हैं: डा. मणिभद्र

सोनीपत, 8 अगस्त (हि.स.)। नेपाल केसरी मानव मिलन के संस्थापक राष्ट्र संत डॉ मणिभद्र

जी महाराज ने कहा कि दुनिया एक रंग मंच है। इस रंगमंच में हम सभी एक अभिनेता की तरह

अपना अपना किरदार निभाते हैं। अलग-अलग स्थिति में हम अपनी वेशभूषा और अपने चेहरे का

रंग बार-बार बदलते हैं। हम अपना चरित्र नहीं बदल सकते। यदि हमें धर्म का आचरण करना

है तो हमें अपना जीने का ढंग बदलना पड़ेगा।

डॉ. मणिभद्र जी महाराज सेक्टर 15 स्थित जैन स्थानक में आयोजित

धर्म सभा में गुरुवार को भक्तजनों को संबोधित कर रहे थे। डॉ श्रीमणिभद्र महाराज ने

कहा कि हम अपनी जिंदगी में इस तरह जीते हैं कि हमें कभी मौत नहीं आएगी। परंतु सृष्टि

के नियम के अनुसार मृत्यू अटल सत्य है। जब मृत्यु नजदीक आती है तो ऐसा प्रतीत होता

है जैसे हमने जिंदगी को जिया ही नही है। इसके लिए आवश्यक है हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति

हो। आत्मज्ञान की प्रति धर्म से होती है। परंतु अंतिम समय में हमारा कोई बहाना नहीं

चलता। जीवन जीने के ढंग को बदलें ताकि अंतिम समय में कोई पश्चाताप ना करना पड़े।

परम पूज्य डॉ सृजना जी महाराज ने कहा कि जीवन को बढ़ाना हमारे

हाथ में नहीं बल्कि जीवन को बनाना हमारे हाथ में है। हम अपने जीने के ढंग को अपने सहूलियत

के अनुसार बदल सकते हैं। एक परीक्षार्थी पूरे साल की मेहनत को 3 घंटे में बयान कर देता

है उसी प्रकार व्यक्ति के अंतिम समय का दृश्य उसके पूरे जीवन का वृतांत बताता है। अपना

जीवन सुधारने का मरण भी अपने आप सुधर जाता है। हमें भौतिकवाद के पीछे ना भाग कर धर्म

का आचरण करना चाहिए। जिससे हमारे मन को शांति मिले। जयपाल जैन, महावीर प्रसाद जैन,

मामन जैन, अशोक जैन, सरिता जैन, विमला जैन, टीकाराम पारजली, राजेंद्र वर्मा आदि उपस्थित

रहे।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना / SANJEEV SHARMA

   

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